पंजाब : अकाली दल की बड़ी मुश्किलें, दिग्गज नेता ने चुनाव लड़ने से किया इनकार

पंजाब : अकाली दल की बड़ी मुश्किलें, दिग्गज नेता ने चुनाव लड़ने से किया इनकार

लुधियाना: जिले में भाजपा अपना प्रत्याशी सांसद रवनीत सिंह बिट्टू को चुनाव मैदान में उतार चुकी है। अब शिरोमणि अकाल दल अपनी हमजोली पार्टी से अलग चुनाव इस बार लड़ रहा है तो कही न कही वह हिन्दू चेहरा शहर में लाने की कोशिश में था। अढ़ाई साल पहले विपन सूद काका का नाम पार्टी प्रधान सुखबीर बादल ने घोषित कर दिया था। लेकिन अब विपन सूद काका ने चुनाव लड़ने से पैर पीछे खींच लिए है। काका ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी सेहत ठीक नहीं चल रही। इस कारण वह इस बार लोक सभा चुनाव नहीं लड़ेगे। उन्होंने पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल से भी कह दिया है। काका ने कहा कि वह शिअद की मजबूती के लिए ग्राउंड लेवल पर काम करते रहेंगे। वहीं इस बार शिअद भी अब काका के बाद नया चेहरा ढूंढने में जल्दबाजी न करते हुए अपने पुराने सिख चेहरों पर ही दाव खेलने की तैयारी में है।

पूर्व मेयर हरचरण सिंह गोहलवड़िया, पूर्व विधायक रणजीत सिंह ढिल्लों और पूर्व एडिश्नल एडवोकेट जनरल परोपकर सिंह घुम्मन पर सुखबीर बादल की नजर है। घुम्मण पार्टी टिकट की दौड़ में सबसे आगे हैं। दाखा विधानसभा क्षेत्र से विधायक मनप्रीत सिंह अय्यली और पूर्व कैबिनेट मंत्री महेशइंदर सिंह ग्रेवाल भी मैदान में थे। हरचरण सिंह गोहलवाड़िया 2012 से 2017 तक शहर के मेयर रहे। तीन बार पार्षद रहे गोहलवड़िया वर्तमान में पार्टी के सलाहकार बोर्ड के सदस्य हैं। उनके भाई और पत्नी भी पार्षद रह चुके हैं। 

रणजीत सिंह ढिल्लों लुधियाना पूर्व विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ने से पहले दो बार पार्षद रह चुके हैं। वह पांच साल तक जिला शिअद अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इन तीनों नेताओं के साथ दो दिन पहले लुधियाना में शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने बैठक भी की थी। एडवोकेट परोपकर सिंह घुम्मन भी मजबूत उम्मीदवार हैं। घुम्मन पांच बार जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं। वह पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल के उपाध्यक्ष और पंजाब के पूर्व एडिश्नल एडवोकेट जनरल भी रह चुके हैं। वर्तमान में वह शिरोमणि अकाली दल सलाहकार बोर्ड के सदस्य हैं। विधायक मनप्रीत अय्याली और महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल 2014 और 2019 में शिअद-भाजपा गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

इस बार मनप्रीत अय्याली को भी चुनाव लड़ने की पार्टी द्वारा पेशकश की गई है लेकिन अय्याली ने मौजूदा पार्टी हालातों को देखते हुए पैर पीछे खींच लिए। वैसे भी अय्याली पिछले कुछ समय से पार्टी गतिविधियों से दूर नजर आ रहे है। मनप्रीत सिंह अय्याली को 256,590 वोट मिले थे। कांग्रेस उम्मीदवार रवनीत सिंह बिट्टू विजेता रहे, जबकि आप उम्मीदवार हरविंदर सिंह फूलका दूसरे नंबर पर रहे। 2019 के चुनाव में महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल को 2,99,435 वोट मिले। मौजूदा सांसद रवनीत सिंह बिट्टू विजेता रहे, जबकि लोक इंसाफ पार्टी के उम्मीदवार सिमरजीत सिंह बैंस दूसरे नंबर पर रहे।