Punjab : Reels बनाते influencers पर Raid, पुलिस ने युवती समेत 4 पकड़े, देखें वीडियो

Punjab : Reels बनाते influencers पर Raid, पुलिस ने युवती समेत 4 पकड़े, देखें वीडियो

लुधियाना :  महानगर में देर रात पुल पर जान जोखिम में डालकर वीडियो बनाने वाले इन्फ्लुएंसर्स पर पुलिस ने रेड की। थाना कोतवाली की पुलिस ने जगराओं पुल से सलेम टाबरी की तरफ जाते एलिवेटेड ब्रिज पर घंटाघर के सामने वीडियो बनाते 3 युवकों को और एक युवती को पकड़ा। युवती पिता के साथ थी। उसके पिता ने पुलिस से माफी मांगी। इस पर पुलिस ने युवती को जाने दिया। बता दें कि इस पुल पर रोजाना करीब 50 से 70 इन्फ्लुएंसर्स वीडियो बनाते हैं।

दरअसल, पुलिस को किसी ने सूचित किया था कि कुछ लोग जान हथेली पर रख घंटा घर के सामने बने पुल पर वीडियोग्राफी कर रहे हैं। इस पर थाना कोतवाली के SHO गगनदीप सिंह ने मौके पर पीसीआर दस्ता भेजा। पुलिस ने पुल के दोनों तरफ से घेरा डाल वीडियो बना रहे युवकों को दबोच लिया। युवकों को देर रात पुलिस थाना ले गई। उधर, पुलिस अधिकारियों का कहना है कई वाहन चालकों को पुलिस कर्मचारी सड़क पर वीडियोग्राफी करते से रोकती भी हैं। कई बार लोगों को रील बनाते समय खदेड़ा भी जाता है। आने वाले समय में सड़कों पर वीडियोग्राफी करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।

सोशल मीडिया पर 15 सेकेंड के फेम के लिए युवक हाईवे पर जान हथेली पर रख वीडियोग्राफी कर रहे हैं। शहर में कई ऐसे स्थल है जहां इस तरह से वीडियोग्राफी हो रही है। नाम न छापने की शर्त पर युवक ने बताया कि आज कोई पहली बार नहीं अकसर वह लोग रात के समय सड़कों पर रील्स बनाते हैं। इस तरह रील्स बनाने के बाद जब वह उसे पोस्ट करते हैं तो बड़ी संख्या में उन्हें लाइक और कमेंट्स मिलते हैं।
मनोचिकित्सक डॉ. नरेश बंसल का कहना है कि 4 फॉर्मूले से जान सकते हैं कि आपके बच्चों में भी इस तरह की लत है। इसके लिए 4C (क्रेविंग, कंट्रोल, कम्पल्शन, कॉन्सिक्वेंस) का फॉर्मूला है।

क्रेविंग यानी तलब, क्या बेचैन हो जाते हैं। कंट्रोल यानी जरूरत से ज्यादा समय तो नहीं दे रहे। कम्पल्शन यानी हम तो किसी सूरत में, किसी भी हाल में ये काम करेंगे। कॉन्सिक्वेंस- पता है नुकसान होगा, फिर भी करेंगे।

अगर इसमें 2 पैरामीटर पर भी कोई खुद को पाता है तो इसका मतलब है कि उसे तुरंत सतर्क होने की जरूरत है। तीसरा लक्षण भी अगर किसी में दिखता है, तो इसका मतलब है कि उसे डॉक्टर से सलाह की जरूरत है। चौथा लक्षण खतरनाक फेज माना जाता है और इस दौरान बच्चे जान को भी खतरे में डालकर काम करते हैं।