पूर्व CM बेअंत सिंह के बेटे को सरकारी कोठी खाली कराने के आदेश जारी

पूर्व CM बेअंत सिंह के बेटे को सरकारी कोठी खाली कराने के आदेश जारी

चंडीगढ़ः पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की सरकारी कोठी को खाली कराने को लेकर प्रशासन ने निर्देश दिए हैं। एसडीएम सेंट्रल संयम गर्ग ने यह निर्देश जारी किया है। संपदा विभाग की टीम मंगलवार को सेक्टर-5 स्थित कोठी नंबर-03/33 पहुंची और कोठी में रह रहे बेअंत सिंह के पुत्र तेज प्रकाश सिंह को निर्देश के संबंध में नोटिस थमाया। यूटी हाउस अलॉटमेंट कमेटी पहले ही इस सरकारी कोठी का अलॉटमेंट निरस्त कर चुकी है। यह कोठी पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह को अलॉट की गई थी। कांग्रेस के नेता बेअंत सिंह वर्ष 1992 से 95 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। एक आतंकी हमले में बेअंत सिंह की हत्या कर दी गई थी। उनका परिवार इस सरकारी कोठी में अब तक रह रहा था।

जब संपदा विभाग की ओर से सरकारी कोठी को खाली कराने को लेकर कार्रवाई शुरू की गई तो इस पर आपत्ति जताते हुए बेअंत सिंह के पुत्र की ओर से एसडीएम सेंट्रल की कोर्ट में याचिका दी गई। मामले में सुनवाई के बाद एसडीएम सेंट्रल संयम गर्ग ने मंगलवार को सेक्टर-5 की सरकारी कोठी नंबर-03/33 को खाली करने के लिए तेज प्रकाश सिंह के नाम नोटिस जारी किया। एसडीएम सेंट्रल संयम गर्ग के आदेश पर संपदा विभाग के सब इंस्पेक्टर रमेश कल्याण ने मंगलवार को विभाग की टीम के साथ कोठी पर पहुंच नोटिस थमाया।

एसडीएम सेंट्रल ने हाउस अलॉटमेंट कमेटी के सेक्रेटरी और स्पेशल सेक्रेटरी को भी इस सरकारी कोठी को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि बेअंत सिंह की हत्या के बाद यह सरकारी कोठी उनके बेटे तेज प्रकाश सिंह के नाम अलॉट की गई थी। लेकिन बाद में यूटी हाउस अलॉटमेंट कमेटी की ओर से अलॉटमेंट निरस्त कर दिया गया।निरस्त हो चुका है अलॉटमेंट

बता दें कि अलॉटमेंट के बाद से अब तक बेअंत सिंह का परिवार इस कोठी में रह रहा था। यूटी हाउस अलॉटमेंट कमेटी ने पहले ही सरकारी कोठी का अलॉटमेंट निरस्त कर चुकी है। अब इसके बाद एसडीएम सेंट्रल ने अलॉटमेंट निरस्त होने का आदेश जारी किया। जब सब इंस्पेक्टर रमेश कल्याण एसडीएम सेंट्रल के आदेश पर कोठी को खाली करने के लिए नोटिस लेकर पहुंचे, तो वहां मौजूद जेड प्लस सिक्योरिटी और पंजाब पुलिस के कर्मचारियों ने संपदा विभाग के एसआई को कोठी में प्रवेश नहीं करने दिया। गौरतलब है कि, प्रशासन की ओर से पहले भी यह कोठी खाली कराने की कोशिश की जा चुकी है।