इस मामले को लेकर बंद की प्याज मंड‍ियां , गुस्से में क‍िसान और व्यापारी

इस मामले को लेकर बंद की प्याज मंड‍ियां , गुस्से में क‍िसान और व्यापारी

नासिकः प्याज सस्ता करने के ल‍िए केंद्र सरकार ने एक साथ दो दांव चल द‍िए हैं। पहले एक्सपोर्ट ड्यूटी 40 फीसदी कर दी और अब सहकारी एजेंसी भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (NCCF) के जर‍िए र‍ियायती दर पर प्याज बेचने का एलान कर द‍िया। इन दोनों फैसलों की वजह से क‍िसान और प्याज व्यापारी दोनों सरकार से बहुत नाराज हैं। महाराष्ट्र के नास‍िक ड‍िस्ट्र‍िक्ट अन‍ियन एसोस‍िशन ने अन‍िश्च‍ितकाल के ल‍िए नास‍िक की प्याज मंड‍ियों को बंद रखने का एलान कर द‍िया है। नास‍िक न स‍िर्फ देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक ज‍िला है बल्क‍ि यहीं से सबसे ज्यादा प्याज एक्सपोर्ट भी होता है।

व्यापारियों को मिला किसानों का समर्थन

व्यापार‍ियों के इस संगठन को क‍िसानों का समर्थन है। क्योंक‍ि सरकार के इन दोनों फैसलों से क‍िसानों और व्यापार‍ियों दोनों को आर्थ‍िक नुकसान पहुंच रहा है। बताया गया है क‍ि कुछ जगहों पर क‍िसानों ने रास्ता रोकने भी प्लान बना ल‍िया है। नास‍िक के प्याज व्यापारी मनोज जैन ने क‍हा क‍ि सरकार का यह फैसला क‍िसानों और व्यापार‍ियों दोनों को नुकसान पहुंचाएगा। इसल‍िए सोमवार से मंड‍ियों को बंद रखने का फैसला क‍िया गया है। अगर कोई क‍िसान प्याज लेकर आ जाएगा तो उसकी नीलामी कर देंगे। उसका नुकसान नहीं होने देंगे। लेक‍िन हमारी ओर से मंड‍ियां बंद रहेंगी। क‍िसान भी इसमें सपोर्ट कर रहे हैं। क‍िसानों और व्यापार‍ियों दोनों ने आरोप लगाया है क‍ि सरकार स‍िर्फ उपभोक्ताओं के ह‍ित को देख रही है, उसे क‍िसानों की च‍िंता नहीं है।

गुस्से में हैं क‍िसान 

प‍िछले दो साल से क‍िसानों को लागत से भी कम भाव म‍िल रहा था तब सरकार कहां थी? तब क‍िसानों की मदद के ल‍िए सामने क्यों नहीं आई। महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक है, ज‍िसकी देश के कुल प्याज उत्पादन में ह‍िस्सेदारी करीब 42 फीसदी है। यहां प्याज मुख्य फसल है। ऐसे में सरकार के इन दोनों फैसलों से महाराष्ट्र के क‍िसान खासतौर पर गुस्से में हैं। क‍िसानों ने नासिक जिला कृषि अधीक्षक कार्यालय के बाहर प्रदर्शन का ऐलान क‍िया है।

सरकार के दोनों फैसलों से क्यों गुस्से में हैं क‍िसान 

सरकार ने प्याज एक्सपोर्ट पर ड्यूटी लगाने का जो फैसला ल‍िया है उससे एक्सपोर्ट का दाम महंगा हो जाएगा और दूसरे देश हमसे खरीदना बंद कर देंगे। इससे घरेलू मार्केट में उपलब्धता अच्छी हो जाएगी। दाम कम हो जाएगा लेक‍िन क‍िसानों को नुकसान हो जाएगा। बड़ी मुश्क‍िल से दो साल बाद क‍िसानों को अच्छा दाम म‍िलना शुरू हुआ था क‍ि सरकार ने उसे काबू में करने का दांव चल द‍िया। दूसरा फैसला एनसीसीएफ के जर‍िए 25 रुपये क‍िलो के ह‍िसाब से प्याज बेचने का है। इससे मार्केट पर दाम कम करने का दबाव पड़ेगा। लेक‍िन अच्छे भाव के इंतजार में बैठे क‍िसानों को इससे झटका लगेगा।

एक्सपोर्ट ड्यूटी के ल‍िए कौन ज‍िम्मदार? 

उधर, महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भारत दिघोले ने केंद्र सरकार द्वारा प्याज निर्यात पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने के फैसले के लिए नासिक जिले के कृषि विभाग के अध‍िकार‍ियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा क‍ि केंद्र सरकार तक गलत जानकारी पहुंचाने वाले अधिकारियों का तत्काल गढ़चिरौली जिले में तबादला किया जाना चाहिए। अगले 2 दिनों में नासिक जिला कृषि अधीक्षक कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा क‍ि प‍िछले दो साल से क‍िसानों को कभी एक रुपये, कभी दो रुपये तो कभी आठ रुपये तक का दाम म‍िल रहा है, जबक‍ि लागत इससे ज्यादा है। इस घाटे की भरपाई के ल‍िए केंद्र सरकार ने कुछ नहीं क‍िया। अब दाम थोड़ा सा बढ़ा क्या क‍ि उसे घटाने के ल‍िए पूरी मशीनरी लगा दी।