जालंधरः कनाडा से 700 स्टूडेंट के डिपोर्ट के मामले में ट्रैवल एजेंट को लेकर पुलिस का आया बड़ा बयान

जालंधरः कनाडा से 700 स्टूडेंट के डिपोर्ट के मामले में ट्रैवल एजेंट को लेकर पुलिस का आया बड़ा बयान

जालंधर/वरुण: कनाडा से वापस भेजे जा रहे 700 भारतीय छात्रों को जाली दस्तावेज जारी करने के मामले में बड़ी ख़बर सामने आई है। इस मामले में जालंधर पुलिस ने आरोपी ट्रैवल एजेंट के दफ्तर का पता लगा लिया है। मामले की जानकारी देते हुए डीसीपी वत्सला गुप्ता ने कहा कि उक्त ट्रैवल एजेंट का दफ्तर शहर के बस डिपो के निकट है, लेकिन यह पिछले 6 महीने से बंद पड़ा है। उन्होंने कहा कि वे अन्य जानकारी का पता लगा रहे हैं और इस मामले में उन्हें अभी कोई शिकायत नहीं मिली है।

पुलिस अधिकारी का कहना है कि गत दिवस मीडिया में आईं कुछ खबरों में कहा गया कि जालंधर में स्थित ट्रैवल एजेंट की ओर से जारी दस्तावेज जमा कराने के चलते 700 से अधिक भारतीयों को वापस भेजा रहा है। छात्र 2018-19 में अध्ययन वीजा पर कनाडा गए थे, लेकिन हाल में जब उन्होंने कनाडा में स्थायी निवास के लिए आवेदन किया तो उक्त धोखाधड़ी सामने आई। इस मामले में डीसीपी वत्सला गुप्ता ने बताया कि खबरों के माध्यम से उन्हें यह जानकारी मिली है कि एक ट्रैवल एजेंट जालंधर के ग्रीन पार्क में इमीग्रेशन का काम करता था।

उसके द्वारा भेजे गए विद्यार्थियों को कैनेडा से डिपोर्ट किया जा रहा है और लगभग 700 के करीब विद्यार्थी डिपोर्ट हो रहे हैं। लेकिन इस मामले में अभी तक उनको कोई शिकायत नहीं मिली है फिर भी वह अपनी तरफ से जांच-पड़ताल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इमीग्रेशन का काम करने वाला बृजेश मिश्रा यहां नहीं रहता और 6 महीने से उसका दफ्तर बंद पड़ा है। उन्होंने कहा कि इस ट्रैवल एजेंट के बारे में वह पूरी जांच-पड़ताल करेंगे और इसका पता लगाएंगे। साथ ही उन्होंने अपील की है कि विदेश जाने वाले विद्यार्थी और नागरिक सही इमीग्रेशन का काम करने वालों से संपर्क करें ताकि उनसे धोखा न हो।