गांधी जयंति : कमजोर व्यक्ति क्षमा नहीं कर सकता, ये तो ताकतवर की निशानी'

गांधी जयंति : कमजोर व्यक्ति क्षमा नहीं कर सकता, ये तो ताकतवर की निशानी'

नई दिल्ली : हर साल 2 अक्टूबर को पूरा देश महात्मा गांधी की जयंती मनाता है। इस बार उनकी 154वीं जयंती है। देश को आजाद कराने और समाज के कल्याण के लिए उन्होंने जो कार्य किए, उनके बारे में देश का बच्चा-बच्चा जानता है। इस दिन हर साल बापू के महान कार्यों को याद किया जाता है। उनका हमेशा से अहिंसा पर जोर रहा और उन्होंने लोगों को भी अहिंसा की राह पर चलने की सलाह दी। देश को आजाद कराने में उनके जिन सिद्धातों और मूल्यों ने लाखों लोगों को प्रेरित किया, उन्हें आज भी लोग याद करते है। 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के परोबंदर में महात्मा गांधी का जन्म हुआ था। गुजरात से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने इंग्लैंड के यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से कानून की पढ़ाई की थी। इंग्लैड से लॉ की पढ़ाई करने के बावजूद बापू ने अपना पूरा जीवन देश की सेवा करने में बिताया। इसके बाद वह भारत लौट आए और अंग्रेजों से देश को आजाद कराने के लिए लड़ाई लड़ी। 

महात्मा गांधी के महत्वपूर्ण कोट्स

किसी देश की महानता और नैतिक प्रगति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वहां पर जानवरों के साथ किस तरह का बर्ताव किया जाता है। पहले वो आपको अनदेखा करेंगे, फिर आप पर हंसेंगे, फिर आपसे लड़ेंगे और फिर आप जीतोगे। मनुष्य अपने विचारों की उपज मात्र है। जो वह सोचता है, वैसा ही बन जाता है। खुद को जानने का सबसे अच्छा तरीका है कि खुद को दूसरों की सेवा में लगा दो। ताकत शारीरिक क्षमता से नहीं, बल्कि अदम्य इच्छाशक्ति से आती है। बुराई का साथ न देना, उतना ही जरूरी कर्तव्य है, जितना अच्छाई का सहयोग करना। आंख के बदले आंख पूरे विश्व को अंधा बना देगा। अहिंसा परम धर्म है। अगर हम इसे अपना नहीं सकते तो हमें इसकी भावना को समझना चाहिए और जहां तक हो सके हिंसा से बचना चाहिए।

महात्मा गांधी के यादगार नारे

 'कानों का दुरुपयोग मन को दूषित और अशांत करता है। जहां पवित्रता है, वहां निर्भयता है। दिल की कोई भाषा नहीं होती। दिल-दिल से बात करता है। किसी की मेहरबानी मांगना, अपनी आजादी बेचना। भगवान का कोई धर्म नहीं। भारत छोड़ो'।'करो या मरो'।'जहां प्रेम है वहां जीवन है। पाप से घृणा करो, पापी से प्रेम।