भुगतान न होने से राज्य में लैब मैनेजमेंट ने रोकी सेवाएं

भुगतान न होने से राज्य में लैब मैनेजमेंट ने रोकी सेवाएं

ऊना/ सुशील पंडित: भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी एवं भाजपा के तेज़ तरार नेता सरजीवन सिंह ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य सरकार की नाकामियों के चलते हिमाचल के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त टेस्ट सुविधा वाली लैब क्रसना बंद हो गई है। नेशल हैल्थ मिशन का बजट जारी न होने के बाद क्रसना लैब ने 650 संस्थानों में सेवाएं रोक दी। इन सेवाओं के ठप होने से बुधवार को दस हजार से ज्यादा मरीज पूरे प्रदेश में प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को क्रसना लैब में 50 करोड़ का भुगतान करना है और यह भुगतान अप्रैल के बाद से फंसा हुआ है। बताया जा रहा है कि नेशनल हैल्थ मिशन में बजट की कमी होने से यह हालात बने हैं। दरअसल, सरकारी अस्पतालों में तय बजट से अधिक परीक्षण हो चुके हैं और इनके बिल नेशनल हैल्थ मिशन को भेजे गए।

उन्होंने कहा कि क्रसना लैब के अधीन प्रदेश भर में जो कर्मचारी काम कर रहे हैं, लैब प्रबंधन उन्हें वेतन दे पाने की स्थिति में नहीं है। प्रदेश भर में 650 संस्थानों में सेवाएं ठप हुई हैं।बजट न होने की वजह से इन बिलों का भुगतान नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय समूचे प्रदेश में 1800 कर्मचारी क्रसना लैब के साथ जुड़े हुए हैं। क्रसना लैब ने सभी मेडिकल कॉलेज समेत सीएचसी और पीएचसी में काम बंद किया है। सरजीवन ने कहा कि पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने क्रसना में फ्री किए थे 142 टेस्ट, आई जी एमसी व प्रदेश भर में क्रसना लैब के माध्यम से टेस्ट किए जाते थे उनके 50 करोड़ से अधिक पैसे रोक दिए गए हैं। क्रसना लैब को जन सुविधा के लिए पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने टेस्ट सस्ते दामों पर करने और प्रदेश की बालिकाओं के लिए 142 टेस्ट फ्री किए थे। अब ये लैब चल नहीं रही हैं और जनता को बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और अस्पतालों में लंबी लाइनें लगी हैं। सरजीवन ने कहा कि रोजागर देने की बात करने बाली सूक्खू सरकार कर्मचारियों को प्रताड़ित करने में लगी है। जो एक घटिया राजनीति और सत्ता सुख को दर्शता है।