गणतंत्र दिवस के लिए 8 साल में तीसरी बार झांकी को केंद्र ने किया खारिज

गणतंत्र दिवस के लिए 8 साल में तीसरी बार झांकी को केंद्र ने किया खारिज

कोलकाता: केंद्र सरकार ने 26 जनवरी 2024 को नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के लिए पंश्चिम बंगाल सरकार की ओर से प्रस्तावित झांकी को खारिज कर दिया है। इस बार पश्चिम बंगाल सरकार ने प्रस्तावित झांकी का विषय 'कन्याश्री प्रकल्प' परियोजना था, जो कि लड़कियों को स्कूल छोड़ने से रोकने के लिए एक वित्तीय सहायता योजना है और उन्हें हाई स्टडी के लिए प्रोत्साहित करती है। इसको तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की एक पसंदीदा परियोजना कहा जाता है। बंगाल की झांकी को बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने आठ साल में तीसरी बार खारिज कर दिया है। इससे तृणमूल कांग्रेस केंद्र सरकार की आलोचना कर रही है। 

सत्तारूढ़ दल के नेताओं का मानना है कि प्रस्तावित झांकी को केंद्र सरकार ने जानबूझकर खारिज कर दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य सरकार की इस 'अनूठी बालिका-बाल विकास परियोजना' की सफलता की कहानियों को व्यापक प्रचार न मिले। बंगाल की महिला और बाल विकास और समाज कल्याण मंत्री शशि पांजा ने कहा कि यदि इस झांकी को अस्वीकार नहीं किया गया होता, तो महिला-विकास में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल सरकार का वैज्ञानिक विजन सुर्खियों में आ गया होता और उस प्रक्रिया में उसी क्षेत्र में केंद्र सरकार की विफलताएं सामने आ गई होतीं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 'कन्याश्री प्रकल्प' को केंद्र सरकार की ओर से मान्यता नहीं दी गई थी। हालांकि, इसे संयुक्त राष्ट्र सहित अंतर्राष्ट्रीय प्रशंसा मिली है।

तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के अनुसार, परियोजना को अनुमति देने का मतलब अप्रत्यक्ष स्वीकृति होगी कि केंद्र सरकार की 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' परियोजना वास्तव में पश्चिम बंगाल सरकार की 'कन्याश्री प्रकल्प' परियोजना से प्रेरित थी। सूत्रों ने बताया कि यह पहली बार नहीं है कि गणतंत्र दिवस परेड के लिए पश्चिम बंगाल की ओर से प्रस्तावित झांकी को खारिज कर दिया गया है। बंगाल की प्रस्तावित कन्याश्री झांकी को पहले 2015 और 2020 में खारिज कर दिया गया था। इसके अलावा 2022 में भी पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से प्रस्तावित झांकी को खारिज करने के मामले सामने आए थे। 2022 में नेताजी पर आधारित एक झांकी की अस्वीकृति ने विवाद पैदा कर दिया, सीएम ममता ने इस पर पीएम मोदी को पत्र भी लिखा था।