पंजाबः पराली जलाने की घटनाओं में हो रही लगातार बढ़ोतरी, ताजा आंकड़े आए सामने 

पंजाबः पराली जलाने की घटनाओं में हो रही लगातार बढ़ोतरी, ताजा आंकड़े आए सामने 

चंडीगढ़ः पंजाब में  इस बार पराली जलाने के मामले रिकॉर्ड तोड़ देंगे। दरअसल, ये आंकड़े दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। पंजाब में पराली जलाने के कुल मामले 1319 पहुंच गए हैं। वहीं शनिवार को सबसे ज्यादा 15 मामले अमृतसर से सामने आए हैं, जबकि पटियाला से 12, संगरूर से 11, फिरोजपुर से 8, फतेहगढ़ साहिब से 7, तरनतारन से 3 और सबसे कम एक मामला बरनाला से सामने आया है। शनिवार को 82 मामले दर्ज किए गए हैं।

पराली जलाने के बीच राज्य के शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) स्तर भी बढ़ रहा है। शनिवार को बठिंडा में AQI 182, लुधियाना में 151, पटियाला में 119, मंडी गोबिंदगढ़ में 115, जालंधर में 86 और खन्ना में 104 दर्ज किया गया। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन आदर्श पॉल विग के मुताबिक, बोर्ड लगातार किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ निगरानी भी कर रहा है। पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना और जुर्माना लगाया जा रहा है।

उधर, पंजाब सरकार पर्यावरण प्रदूषण को रोकने और किसानों को धान की पराली को आग न लगाने के लिए जागरूक करने के लिए जिले में चलाई जा रही जागरूकता वैनों के माध्यम से गांवों में जागरूकता अभियान जोरों से चलाया जा रहा है। इस जागरूकता अभियान में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारी लगातार गांवों में किसानों को पराली को आग लगाने की बजाय खेत में ही मिलाने के लिए जागरूक कर रहे हैं।

यह जानकारी देते हुए श्री फतेहगढ़ साहिब के मुख्य कृषि अधिकारी रंगील सिंह ने बताया कि इन जागरूक वैनों के माध्यम से जहां किसानों को जागरूक किया जा रहा है, वहीं पराली प्रबंधन के लिए सब्सिडी वाली कृषि मशीनरी के प्रयोग के बारे में तकनीकी जानकारी भी दी जा रही है। मुख्य कृषि अधिकारी ने बताया कि चेतना वैन के माध्यम से खमाणों ब्लॉक के गांव लोगोमाजरी, रेउना ऊंचा, रेउना नींवा, बहलोलपुर, जलवेड़ी गहलां और खमानो ब्लॉक के गांव जावंधा, नानोवाल, बड़वाला, खेड़ी भाई की, जय सिंह वाला आदि गांवों के किसानों को पराली को आग न लगाने के लिए जागरूकता अभियान में अधिक से अधिक सहयोग देने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग ने फसल अपशिष्ट के कुशल प्रबंधन और आधुनिक कृषि मशीनरी के बारे में आवश्यक साहित्य भी छपवाया है, जिसे इन जागरूकता वैनों के माध्यम से किसानों तक पहुंचाया जा रहा है।