हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: बिना शादी के भी महिला भरण-पोषण की हकदार

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: बिना शादी के भी महिला भरण-पोषण की हकदार

भोपालः हाल ही में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने महिलाओं के संबंध में एक बड़ा फैसला दिया है। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने साफ किया कि अगर महिला और पुरुष लंबे समय से पति-पत्नी के रूप में साथ रह रहे हैं, तो दोनों कानूनी रूप से शादीशुदा माने जाएंगे। ऐसे केस में पत्नी भरण पोषण की हकदार भी होगी।

ऐम.पी. हाईकोर्ट के जस्टिस जीएस अहलूवालिया की एकलपीठ ने फैसला सुनाते हुए लंबे समय से बिना शादी के साथ रह रहे युवक-युवती के मामले में युवती को भरण पोषण का हकदार बताया है। साथ ही याचिका दायर करने वाले युवक को भरण पोषण देने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने युवक की याचिका खारिज कर दी है।

कोर्ट ने धारा 125 के तहत याचिकाकर्ता को उनकी कथित पत्नी को 1500 रुपए भरण पोषण देने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ याचिकाकर्ता ने फिर अपील दायर की, जिसे अतिरिक्त सत्र न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया था। याचिका में ऐसा कहा गया था कि उस महिला से उनकी कभी शादी नहीं हुई है, जिस पर न्यायालय ने स्वीकार किया कि युवती शैलेंद्र की वैधानिक रूप से पत्नी नहीं है, जिसके बाद युवती ने दावा किया कि उन दोनों का विवाह एक मंदिर में हुआ था।