तीन दिवसीय पिपलू मेले की हुई शुरुआत

तीन दिवसीय पिपलू मेले की हुई शुरुआत
ऊना/सुशील पंडित: उपमण्डल बंगाणा के तीन दिवसीय जिला स्तरीय पिपलू मेले के प्रथम दिवस कुटलैहड़ के विधायक देवेन्द्र भुट्टो समर्थकों सहित मेले के शुभारम्भ पर मुख्यातिथि ज्वालामुखी के विधायक संजय रत्न व विधायक लखनपाल विधायक चैतन्य शर्मा को बैंड बाजों के साथ मन्दिर में पूजा अर्चना करवाने के बाद झंडा रस्म अदा करवाई। ओर विधायक भुट्टो कार्यक्रम का जायज़ा लेते नजर आए। एक तरफ बाजू के फ़्रैक्चर ओर दूसरी तरफ मेले की जिम्मेदारी निभाते हुए भुट्टो फ्रंट सीट पर बैठकर कार्यक्रम को आगे बढ़ाते देखे गए। एक तरफ वारिश का कहर दूसरी तरफ मेले का प्रथम दिवस का आगाज़ बड़ी जिम्मेदारी कंधों पर निभाते नजर आए। तीन दिवसीय जिला स्तरीय पिपलू मेला हमीरपुर लोकसभा का ऐतिहासिक मेला है। वहीं दूसरी तरफ मेले में आने वाले मुख्यातिथियों ने मन्दिर में पूजा अर्चना फिर प्रभात फेरी उसके बाद विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन करना फिर खेल प्रतियोगिताओं का शुभारंभ ओर  संस्कृत कार्यक्रम के साथ पहले दिन मेले का आगाज हुआ
बीते करीब 20 दिनों ने कुटलैहड़ के भुट्टो प्रशासन के साथ पिपलू मेले की तैयारियों में जुटे थे। लेकिन पिपलू मेले के एक दिन पूर्व हुई मूसलाधार बारिश और मेले के प्रथम दिवस पर रुक रुक कर हो रही बारिश ने जनता के मन मे संदेह पैदा कर दिया और अधिकतर जनता पिपलू मेले में नहीं पहुंच सकी। लेकिन फिर भी अगर पिपलू मेले की तैयारियों को देखा जाए। तो उपमण्डल बंगाणा प्रशासन खास कर एसडीएम बंगाणा मनोज कुमार मेला अधिकारी व तहसीलदार बंगाणा रोहित कँवर की पूरी टीम बधाई की पात्र है और इसका श्रेय कुटलैहड़ के विधायक भुट्टो को जाता है।राज्य रेडक्रॉस सोसाइटी के संयोजक एवं कुटलैहड़ चुनाव प्रभारी  सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि बीते एक माह से कुटलैहड़ के विधायक भुट्टो का बाजू फ्रेक्चर होने के बाबजूद तीन दिवसीय पिपलू मेले की तैयारियों को बारीकी से देखना और मेले के आगाज़ को महत्वपूर्ण बनानें पर विधायक भुट्टो बधाई के पात्र हैं। इस प्रकार अस्वस्थ होने के बावजूद पीपलू मेले को कामयाब बनाने के लिए हर समय प्रशासन के साथ तालमेल बिठाकर काम देख रहे हैं।शायद इसीलिए जनता ने उन्हें चुनकर विधानसभा भेजा है।
कुटलैहड़ के विधायक देवेन्द्र भुट्टो ने कहा कि कुटलैहड़ की जनता ने मुझे आशीर्वाद देकर शिमला भेजा है और अब कुटलैहड़ की जिम्मेदारी भी हमारी है। कुटलैहड़ के बड़े और एतिहासिक धरोहर पिपलू मेला जो हमारी पौराणिक धरोहर है। उंसे संजोए रखना हमारा धर्म है। पिपलू मेले को ओर ज्यादा ऐतिहासिक बनाने के लिए हमने काम किया है। लेकिन इंद्र देव कुछ ज्यादा मेहरबान हो चुके हैं। भुट्टो ने कहा कि कुटलैहड़ की धरती बीर सुपूतों ओर देवताओं की धरती है इसे संजोए रखना हम सभी का कर्तव्य भी है।