पंजाबः हेराफेरी के आरोप में DFSC, पनग्रेन के 2 इंस्पेक्टर और 3 आढ़तियों के खि़लाफ़ केस दर्ज  

पंजाबः हेराफेरी के आरोप में DFSC, पनग्रेन के 2 इंस्पेक्टर और 3 आढ़तियों के खि़लाफ़ केस दर्ज  

फिऱोज़पुर: पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने राज्य में भ्रष्टाचार के विरुद्ध जारी अपनी मुहिम के अंतर्गत फिऱोज़पुर जिले में आने वाले 4 गोदामों में साल 2018-19 के खरीद सीजन के दौरान गेहूं के स्टॉक में हेराफेरी के लिए समकालीन जि़ला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति कंट्रोलर (डीएफएससी), पनग्रेन के दो इंस्पेक्टरों और तीन कमिशन एजेंटों (आढ़तियों) के खि़लाफ़ केस दर्ज किया है। इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले में जिन व्यक्तियों के खि़लाफ़ केस दर्ज किया गया, उनमें डीएफएससी फिरोजपुर बलराज सिंह (अब सेवामुक्त), इंस्पेक्टर पनग्रेन सुरेश कुमार इंचार्ज खरीद केंद्र फिरोजशाह, इंस्पेक्टर बलराज सिंह गोदाम इंचार्ज गांव लल्ले, हराज और तलवंडी भाई, हैप्पी कमिशन एजैंट्स के मालिक हरदेव सिंह, धालीवाल ट्रेडिंग कंपनी के मालिक पवन कुमार और गिल ट्रेडिंग कंपनी के मालिक इकबाल सिंह शामिल हैं।

इस सम्बन्धी विजीलैंस ब्यूरो के थाना फिऱोज़पुर रेंज में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) ( ए) और 13 (2) और आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120-बी के अंतर्गत एफआईआर नम्बर 25 तारीख़ 26-09-2023 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया है। मामले की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि खरीद एजेंसी ‘पनग्रेन’ द्वारा साल 2018-19 के खरीद सीजन के दौरान तलवंडी भाई, वाड़ा भाई घल्ल खुर्द जि़ला फिऱोज़पुर के खरीद केन्द्रों से गेहूं खरीद कर गांव लल्ले, हराज और तलवंडी भाई स्थित पनग्रेन के गोदामों में स्टोर की गई थी, जहाँ इसकी देख-रेख का जिम्मा इंस्पेक्टर बलराज सिंह के पास था।  

तारीख़ 30- 05- 2018 और 31- 05- 2018 को किये गए अचानक साझे निरिक्षणों के दौरान यह पाया गया कि वहां रजिस्टर्ड स्टॉक में से 50 किलो वजऩ वाली 10,716 बोरियाँ गायब थीं, जबकि 30 किलो वजऩ वाली 60 बोरियाँ वहीं पाई गईं। इसके अलावा गोदाम में गेहूं की ज्यादातर बोरियों का वजऩ निर्धारित मात्रा से कम पाया गया। इसी तरह साझी जांच के दौरान गांव फिरोजशाह के एक गोदाम में पाया गया कि हैप्पी कमिशन एजेंट, धालीवाल ट्रेडिंग कंपनी और गिल ट्रेडिंग कंपनी के मालिकों ने गाँव लल्ले में शिवम् एंटरप्राईज़ फर्म में पनग्रेन के गोदाम के निगरानी इंस्पेक्टर बलराज सिंह के साथ मिलीभगत करके गेहूं की 13,134 बोरियों की खरीद संबंधी झूठी रिपोर्ट तैयार की।  

इस फर्जी खरीद से सम्बन्धित अदायगियां उपरोक्त आढ़तियों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दीं। इसके बाद जैसे ही यह घोटाला सामने आया तो धालीवाल ट्रेडिंग कंपनी ने बिना किसी गेट पास के 25 से 27 मई, 2018 के दरमियान गेहूं की 2200 बोरियाँ उक्त शिवम् एंटरप्राईजिज़ में बनाए गोदाम में जमा करवा दीं। प्रवक्ता ने यह भी बताया कि इससे 4 दिन पहले जब तारीख़ 21- 05- 2018 को सहायक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अफ़सर ने गांव फिरोजशाह की अनाज मंडी का निरीक्षण किया था तो उस समय उस मंडी में गेहूं की कोई बोरी ही नहीं थी।

इस जांच से पता लगा है कि फिरोजशाह स्थित खरीद केंद्र के इंचार्ज इंस्पेक्टर सुरेश कुमार ने हैप्पी कमिशन एजैंट्स, धालीवाल ट्रेडिंग कंपनी और गिल ट्रेडिंग कंपनी के साथ मिलकर गेहूं की 13,134 बोरियां, जिनकी कीमत 1,13,93,745 रुपए बनती थी, जिसमें कहा जा रहा है कि खरीद संबंधी झूठी रिपोर्ट तैयार करने की साजिश रची थी। इस गलत कार्यवाही के नतीजे के तौर पर सरकारी खजाने को बड़ा वित्तीय नुकसान हुआ, क्योंकि यह भुगतान सीधे उक्त आढ़तियों को किया गया था।

इसके साथ ही समकालीन डीएफएससी बलराज सिंह को घोटाले के बारे में पूरी जानकारी होने के बावजूद उन्होंने इंचार्ज इंस्पेक्टर बलराज सिंह और उक्त आढ़तियों के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की, बल्कि उक्त कसूरवार इंस्पेक्टर और आढ़तियों के साथ मिलीभगत करते हुए गेहूं की कुल बोरियां और उनकी बनती रकम वापस वसूल ली। इसके निष्कर्ष के तौर पर उक्त सरकारी कर्मचारियों ने इस खरीद से सम्बन्धित अनिवार्य 3 प्रतिशत मार्केट फीस और 3 प्रतिशत ग्रामीण विकास फंड एकत्रित नहीं किया, जोकि सरकारी खजाने में जमा होना था, जिससे राज्य सरकार को सीधे तौर पर वित्तीय नुकसान हुआ। उन्होंने बताया कि इन खुलासों को ध्यान में रखते हुए इस सम्बन्धी केस दर्ज कर लिया गया है और मामले की आगे की जांच जारी है।