जालंधरः सीएम आफिस ने कमिशनर से मांगा बांसल की बिल्डिंग का रिकार्ड 

जालंधरः सीएम आफिस ने कमिशनर से मांगा बांसल की बिल्डिंग का रिकार्ड 

सरकार को धोखा देने वालों की जा सकती है नौकरी...

जालंधर, अनिल वर्मा/वरुण अग्रवालः महानगर में बन रही नाजायज इमारतों का आंकड़ा दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। इसे कम करने के लिए सीएम भगवंत मान की सरकार एक कड़ा फैंसला लेने जा रही है। जिसकी शुरुआत जालन्धर से हुई है। सीएम आफिस की ओर से पिछले सालों दौरान डिमोलिश और सील की गई सभी बिल्डिंगों का रिकार्ड तलब कर लिया है जिसकी जल्द जांच शुरु होने की संभावना है। आम आदमी पार्टी की सरकार उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की तैयारी कर रही है।

जिन्होने डिमोलिश करने के बाद नाजायज इमारतो को मिलीभगत कर दोबारा बनवाया। इस सबंधि लाडोवाली रोड फाटक के समीप कार्नर पर बनी बांसल की बिल्डिंग का नाम शामिल है। इस बिल्डिंग को एटीपी सुखदेव वशिष्ट ने नवंबर 2022 डिमोलिश किया था इसके बाद इमारत का नया नक्शा या राजीनाम किए बिना ही यहां दूसरी मंजिल पर लैंटर डाल दिया गया। शिकायतकर्ता ने सीधेतौर पर एटीपी सुखदेव वशिष्ट को जिम्मेदार ठहराते हुए कड़ी कारवाई की मांग की है। 

कांग्रेसी नेता के करीबी द्वारा यह अवैध निर्माण 2022 दौरान हुए विधानसभा चुनावों के दिनों में शुरु करवाया गया था मगर सत्ता परिवर्तन होने के बाद इस बिल्डिंग का एक राजीनामा किया गया जिसमें मौके पर बनी बेसमैंट का जिक्र नहीं किया गया पूर्व कमिशनर करनेश शर्मा की ओर से बिना जांच किए इस राजीनामे को पास कर दिया गया।

इस राजीनामे के बाद प्राप्टी मालिक ने बेसमैंट के अलावा ओपन स्पेस में सीढ़ियों का निर्माण कर लिया जिसे नवंबर 2022 में एटीपी सुखदेव वशिष्ट ने डिमोलिश कर दिया। ताजा तस्वीर अनुसार अब दोबारा वहीं सीढ़ियां बना ली गई और दूसरी मंजिल पर भी लैंटर डाल दिया गया। मामले में सीवीओ को भी शिकायत भेजी गई है आने वाले दिनों में विजीलैंस जालन्धर में दबिश दे सकती है।