पंजाब में फिर लौटा ब्लैक फंगस का खतरा, इस जिले में बुजुर्ग की निकालनी पड़ी आंख...

पंजाब में फिर लौटा ब्लैक फंगस का खतरा, इस जिले में बुजुर्ग की निकालनी पड़ी आंख...

पंजाब में फिर लौटा ब्लैक फंगस का खतरा, इस जिले में बुजुर्ग की निकालनी पड़ी आंख...

अमृतसर। कोरोना वायरस के बढ़ते-थमते क्रम के बीच ब्लैक फंगस का एक मरीज रिपोर्ट हुआ है। बटाला के रहने वाले साठ वर्षीय सुरिंदर कुमार को ब्लैक फंगस की वजह से अपनी एक आंख गंवानी पड़ी हैं। अमृतसर के ईएनटी अस्पताल में उनकी सर्जरी कर आंख निकाली गई। दरअसल, सुरिंदर कुमार के साइनस नाक और आंख के मध्य भाग तक ब्लैक फंगस पहुंच चुका था। यह संभावित था कि ब्लैक फंगस उनके ब्रेन तक जा सकता था, लिहाजा आंख निकालने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा।

खास बात यह है कि सुरिंदर कुमार को कोरोना था या नहीं, यह भी रहस्य है। उन्होंने कभी कोरोना टेस्ट नहीं करवाया था। अधिकांश मामलों में म्यूकरमायकोसिस यानी ब्लैक फंगस कोरोना संक्रमित मरीजों को चपेट में लेता है, लेकिन इस मामले में स्थिति स्पष्ट नहीं। सुरिंदर की बेटी ममता के अनुसार पिता को बुखार था। पहले बटाला के निजी अस्पताल में उपचार करवाते रहे, पर आराम नहीं मिला। इसके बाद उन्हें ईएनटी अस्पताल रैफर किया गया। यहां जांच के दौरान डाक्टरों ने पाया कि वह ब्लैक फंगस की चपेट में हैं। आई स्पेशलिस्ट डाक्टरों ने सुरिंदर का आपरेशन कर आंख निकाल दी है। इसके अलावा साइनस व नाक में जमा फंगस को हटाया गया है। यदि यह ब्रेन तक पहुंच जाता तो मौत भी हो सकती थी।

इससे पूर्व जून 2021 में गुरुनानक देव अस्पताल में ही ब्लैक फंगस का शिकार छह मरीजों की एक—एक आंख निकालनी पड़ी थी। सभी मरीजों के साइनस तक फंगस जा चुका था। वहीं जुलाई 2021 में ब्लैक फंगस का शिकार गुरदासपुर के गांव ठीकरीवाल के 53 वर्षीय रछपाल सिंह की गुरु नानक देव अस्पताल में मौत हो गई थी। गुरुनाकन देव अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा. केडी सिंह के अनुसार म्यूकरमायकोसिस एक ऐसी बीमारी है जिससे इंसान की आंखों की रोशनी चली जाती है।