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किशोर योग एकेडमी में किया गया शिकागो वक्तृता दिवस का आयोजन

अजीत जैन और शालिनी गुप्ता ने बताया स्वामी विवेकानंद के विचारों को युवाओं के लिए प्रेरणाश्रोत
बददी/सचिन बैंसल: शिकागो वक्तृता दिवस के अवसर पर किशोर योग एकेडमी में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें स्वामी विवेकानंद द्वारा 11 सितंबर 1893 को शिकागो की विशव धर्म संसद में दिए गए ऐतिहासिक भाषण पर विस्तृत चर्चा की गई। डाक्टर किशोर ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वामी विवेकानंद ने धर्म संसद में यह कहकर सभी को चकित कर दिया जब उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूं, जिसने दुनिया को सहनशीलता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया। हम सिर्फ सार्वभौमिक सहनशीलता में ही विश्वास नहीं रखते, बल्कि हम विश्व के सभी धर्मों को सत्य के रूप में स्वीकार करते हैं। जब उन्होंने यह शब्द कहे उस समय पूरा हाल तालियों की गढ़गढ़ाहट से गूंज उठा। और यही वह शक्ति है जो भारत को अन्य देशों से अलग करती है।
इस अवसर पर पर्यावरण पर कार्य कर रहे अजीत जैन ने भी स्वामी विवेकानंद द्वारा युवाओं को दिखायें योग के मार्ग पर चलने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि योग करने वाला युवा कभी भी हताश, निराश उदास अथवा तनाव से ग्रसित हो ही नहीं सकता। योग करने वाला सदैव सजग, सचेत और जागृत रहता है और वह हमेशा नवाचार पर कार्य करने की योजना बना रहा होता है। जिससे न वह कभी बिमार पड़ता है और न कोई बिमारी उसे घेरती है।
संध्याकालीन मातृ शक्ति योग कक्षा में शालिनी गुप्ता ने महिलाओं के कतर्व्य और अधिकारों पर बोलते हुए कहा कि हर नारी के अंदर रानी लक्ष्मी बाई, निवेदिता बैठी है हमें जरूरत है उस शक्ति को पहचानने की और महिलाओं को संगठित करने की। उन्होंने कहा कि जैसे हम एक घण्टा प्रतिदिन स्वयं से जुड़ने के लिए योग को निकालती हैं उसी प्रकार समाज को संस्कारित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए भी हमें ही संगठित होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि एक महिला ही क्रियेटर भी होती है और यदि खत्म करने पर आ जाए तो वही डिस्ट्रायर भी बनती है। इसलिए हमें सबसे पहले अपने परिवार को पूर्ण सनातन संस्करों से पोषित करना है फिर उन्हे कुछ और सिखाने की जरूरत नहीं है क्योंकि सत्य सनातन संस्कृति अपने आप में इतनी सर्व श्रेष्ठ है कि मानव को महामानव बनाने की ओर अग्रसर करती है।
इस अवसर पर अनुराधा, मंदीप कौर, सुनीता शर्मा चिन्तपूर्णी, ललित मोहन कालका, विजय शास्त्राी मंधाला, कमलेश कौर, अर्चना, सुनीता राठौर, अरूणा शर्मा, शलिनी गुप्ता, शशी संजीव, ओशीन बंसल, पूजा बंसल, भारती ढोले, रजनी शर्मा, गीता शर्मा, सोनिया गुप्ता, जशोदा देवी, अलका, सुनीता गुप्ता, शालिनी मित्तल, हर्षिता, मुस्कान, जीवन कुमारी, रंजना शर्मा, नितू पाल, मिनाक्षी शर्मा, पूजा कुमारी, सुनील मित्तल, तारा चंद, हंसानंद झा, श्रवण कुमार, लाला बाबू यादव, सोमनाथ पाल, सोनू बंसल, रमन कौशल, मान सिंह हाणा, अजीत जैन, सुनील दत्त शर्मा, नीरज गुप्ता, सुरेश मित्तल, राकेश जैन, मनोज जैन, अनिल कुमार, सजवंत सिंह सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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