पीएमईजीपी से नौकरी देने वाले बने कंप्यूटर में डिग्री धारक वीरेंद्र, खोला पतल डोने बनाने का कारोबार

पीएमईजीपी से नौकरी देने वाले बने कंप्यूटर में डिग्री धारक वीरेंद्र, खोला पतल डोने बनाने का कारोबार

सरकार ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में ऋण की अधिकमत सीमा 25 लाख से बढ़कर 50 लाख की 

ऊना/सुशील पंडित: कंप्यूटर एप्लीकेशन में मास्टर्स डिग्री हासिल करने वाले वीरेंद्र कुमार सरकार की योजना प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का लाभ उठाकर आज उद्यमिता की मिसाल बन गए हैं। वीरेंद्र ने उद्योग विभाग के माध्यम से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत ऊना के औद्योगिक क्षेत्र बसाल में डिस्पोजेबल डोने-पत्तल और टिशू पेपर बनाने का उद्योग स्थापित किया। इस योजना में जहां उन्होंने खुद स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ाया, वहीं अपने साथ आठ हिमाचलियों को भी रोजगार प्रदान किया है। 

मूल रूप से बिलासपुर जिला से संबंध रखने वाले वीरेंद्र कुमार कहते हैं कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) उनके लिए वरदान साबित हुआ है। उन्होंने बताया कि पहली बार उन्हें 25 लाख रुपए का लोन मिला और दूसरी बार 5 लाख रुपए का लोन लिया, जिससे कारोबार को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिली। आज उनका कारोबार अच्छा चल रहा है और प्रति वर्ष लगभग 50 लाख रुपए का कारोबार कर रहे हैं। 

उद्योग विभाग में प्रबंधक अखिल कुमार का कहना है कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का लाभ लेकर कई बेरोजगारों ने न केवल स्वयं स्वरोजगार को अपनाया है, बल्कि अपने साथ अन्य लोगों को भी रोजगार प्रदान किया है। वीरेंद्र कुमार इस कार्यक्रम के लाभार्थी हैं, जो बेहतर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के तहत एक लाभार्थी दो बार लोन ले सकता है। सरकार ने विनिर्माण इकाइयों के लिए पहली बार लोन लेने की अधिकतम परियोजना लागत को मौजूदा 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दिया है। वहीं, सेवा इकाइयों के लिए इसे 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया है।

ऑनलाइन किया जा सकता है आवेदन 
योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए पीएमईजीपी की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। आवेदन के लिए निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पहचान संबंधी प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो तथा  मोबाइल नंबर देना आवश्यक है। 

सह-निदेशक उद्योग विभाग अंशुल धीमान बताते हैं कि इस योजना के तहत एक अप्रैल 2021 से 22 मार्च 2022 तक जिला ऊना में कुल 31 लाभार्थियों को लोन प्रदान किया गया, जिस पर सरकार ने 1.18 करोड़ रुपए की सब्सिडी प्रदान की। उन्होंने कहा कि योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी आवश्यक है। योजना के तहत उद्योग प्रारम्भ करने के लिए लाभार्थी का स्वयं का अंशदान होना आवश्यक है। शहरी क्षेत्र तथा ग्रामीण क्षेत्र के सभी नागरिक इस योजना के पात्र हैं। वह नागरिक जो अपने पुराने उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए लोन लेना चाहता है, वह इस योजना के लिए पात्र नहीं होता है। यदि नागरिक पहले से किसी अन्य सब्सिडी योजना का लाभ ले रहा है, तो भी वह इस योजना का पात्र नहीं होगा। योजना से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए उद्योग विभाग के नजदीकी कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है। 

15-25 प्रतिशत तक सब्सिडी का प्रावधान
पीएमईजीपी योजना के अंतर्गत सामान्य वर्ग के ग्रामीण नागरिकों के लिए गए लोन पर 25 प्रतिशत तथा शहरी क्षेत्र के नागरिकों को 15 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। सभी प्रकार के नए उद्योग को प्रारम्भ करने के लिए इस योजना के तहत लोन प्राप्त किया जा सकते हैं। लाभार्थी इस योजना में दोबारा भी आवेदन कर सकता है तथा दूसरा आवेदन करने पर 15-20 प्रतिशत तक सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।