नौजवानों को आरटीफिशीयल इंटैलीजैंसी की शिक्षा देने की अहम जरूरत- डा. नीलिमा जेरथ 

नौजवानों को आरटीफिशीयल इंटैलीजैंसी की शिक्षा देने की अहम जरूरत- डा. नीलिमा जेरथ 

साइंस सिटी में टैक्नोलिजी दिवस मनाया 
कपूरथला/चन्द्र शेखर कालिया: राष्ट्रीय टैक्नोलिजी दिवस के उपलक्ष्य पर पुष्पा गुजराल साइंस सिटी की ओर से ‘आरटीफिशीयल इंटैलीजैंसी में उभरते रूझान’ के विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान पंजाब के विभिन्न इंजीनियर्रिग कालेजों के 100 से अधिक विद्यार्थी शामिल हुए। वेबिनार को संबोधित करते साइंस सिटी की डायरेक्टर जनरल डा. नीलिमा जेरथ ने कहा कि राष्ट्रीय टैक्नोलिजी दिवस हर वर्ष वैज्ञानिकों व इंजीनियरों की विज्ञान व इंजीनियर्रिग के क्षेत्र में की प्राप्तियों को उजागर करने के लिए मनाया जाता है। भारतीय विज्ञान व टैक्नोलिजी के क्षेत्र में बेहद महत्वपूर्ण है। क्योंकि इस दिन ही राजस्थान के पोखरन में सफलतापूर्वक प्रमाण पेश किया गया था।

उन्होंने कहा कि विज्ञान व व्यापार में दो शब्दों का प्रयोग ज्यादातर देखा जा रहा है। एक आरटीफिशीयल इंटैलीजैंसी व दूसरा मशीन लर्निग। एआई एक ऐसी टैक्नोलिजी है जिसके साथ मशीन मनुष्य की नकल करती है और मशीन लर्निग भी एआई का ही एक हिस्सा जो मशीनों की स्पष्ट तौर पर प्रोग्रामिंग किए बिना खुद ही पहले डेटा से सीखने की आज्ञा देता है। एआई का मुख्य उद्देश्य एक ऐसा कंप्यूटर बनाना है जो मनुष्य की समस्याओं को हल करे। उन्होंने कहा कि आरटीफिशीयल इंटैलीजैंसी अब वैज्ञानिक कलपना से असल दुनिया की एप्लीकेशनों में भी तब्दील हो चुकी है। इसी तरह एआई कारोबारी आर्थिकता को भी बहुत प्रभावित कर रहा है। बुलमर्ग के मुताबिक क्षेत्र में बहुत ज्यादा निवेश हो रहा है। 2014 में नए एआई स्टार्टअप का 300 मिलीयन डालर का निवेश था अब उससे तीन गुणा बढ़ चुका है। सी-डैक मोहाली की संयुक्त डायरेक्टर व आरटीफिशीयल इंटैलीजैंस व विशलेषण विभाग की मुखी सोनिया दोसांझ मुख्य प्रवक्ता के तौर पर शामिल हुए। वेबिनार दौरान सोनिया दोसांझ ने एआई के क्षेत्र में विकसित हो रही अति आधुनिक तकनीकों संबंधी संक्षेप जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आरटीफिशीयल इंटैलीजैंसी अब विश्व स्तर पर पैर पसार चुकी है और भविष्य में भी उसकी शक्ति के साथ विश्व व्यापी डिजीटल आर्थिकों को ओर बल मिलेगा। उसके बाद साइंस सिटी के डायरेक्टर डा. राजेश ग्रोवर ने कहा कि कैंसर जैसी नामुराद बीमारियों से लड़ने के लिए तेज दवाईयां, फसलों की पैदावार अनकूल बनाने, स्मार्ट करा, ड्रोन व अपराधों की वैज्ञानिक जांच आदि में आरटीफिशीयल इंटैलीजैंसी अहम रोल अदा कर रहा है।