युवावस्था में मोबाईल व वीडियो गेम्स से दूर रहकर युवा चित्रकार है फन का माहिर

युवावस्था में मोबाईल व वीडियो गेम्स से दूर रहकर युवा चित्रकार है फन का माहिर

खाली समय का सदुपयोग कर चंद मिनटों में बना देता है एक से एक कलाकृति

बिना किसी गुरु के सहारे बनी अथर्व की पेटिंग मोह लेती है मन

बददी/सचिन बैंसल: आजकल हर युवा हो या बच्चा सोशल मीडिया एवं मोबाइल वीडियो गेम्स की गिरफ़्त में आ चुका है। उसके पास अलग से सृजन करने के लिए जो मन होता है उसका प्रयोग अब वह ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडीया के माध्यम से कर रहा है। या तो बच्चे अपनी पढ़ाई तक सीमित है या फिर मोबाईल तक। लेकिन नाहन के एक युवा ने बिना किसी गुरु के ही अपनी परिकल्पनाओं से एक से बढक़र एक पेटिंग बनाकर सभी को हतप्रभ कर दिया है। उसकी पेंसिल से पेंटिग ऐसे बनती है मानो वो अभी बोल पडेगी।

अथर्व महाजन ने इस कला को ज्यादा ईजाद किया कोविड के दो साल के दौरान। जब समस्त पढ़ाई आनलाईन हो गई तो अथर्व महाजन (16 वर्षीय) ने तन्मयता से तो की ही साथ में कला को बढ़ावा देते हुए चित्रकला को अपना साथी बनाया। बिना द्रोणाचार्य यानि बिना गुरु से अथर्व ने चित्रकला को हॉबी (शौक) बनाकर आमजन को प्रभावित किया है वहीं उसकी कलाकृतियां इतनी उच्च स्तर की होती है कि उसको सोशल मीडिया पर असंख्य शेयर मिलते हैं। अथर्व ने रॉयल एनफिल्ड, भगवान शिव, शेर, बाज, कार्टून, तितली व पंछी की फोटो मात्र बिना रंग के पेंसिल व जैल पैन से ही चंद मिनटों में स्कैच तैयार कर देता है। अथर्व की माता शैलजा ठाकुर ने बताया कि आज तक अथर्व ने किसी भी प्रकार की चित्रकला की ट्रेनिंग नहीं ली न ही इस विषय में किसी से प्रशिक्षण लिया। उन्होने कहा कि वर्तमान में वह एलेन इंस्टीटयूट चंडीगढ़ में प्रोफेशनल कोचिंग ले रहा है और भविष्य में उसका सपना  इंजीनियरिंग कर के कोई ऐसा कार्य करना है जिस से खुद के साथ साथ वो  औरों को  भी  रोजगार  दे सके।

सिद्वू मुस्सेवाला का तुरंत बनाया स्केच-

पंजाबी गायक सिद्वू मुस्सेवाल की मौत से आहत युवा चित्रकार अथर्व ने तुरंत चंद मिन्टो में उसका स्केच तैयार कर दिया यानि इस छोटी सी आयु के युवा के अंदर जहां कला का असीम भंडार है वहीं संवदेनशीलता भी कूट कूट कर भरी है। शतरंज एवं क्रिकेट का खिलाड़ी होने के साथ एक उम्दा कलाकार होना अपने आप मे ही गर्व का विषय है।