पंजाबः कैबिनेट मंत्री कटारुचक मामले में NCSC कमिशन ने जारी किया तीसरा नोटिस

पंजाबः कैबिनेट मंत्री कटारुचक मामले में NCSC कमिशन ने जारी किया तीसरा नोटिस

चंडीगढ़ः पंजाब के खाद्य आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारुचक की मुश्किलें कथित अश्लील वीडियो के मामले में अब बढ़ती हुई दिख रही हैं। मंत्री लाल चंद कटारुचक के अश्लील वीडियो के मामले में NCSC कमिशन ने तीसरा नोटिस जारी कर दिया है। मामले की जानकारी देते हुए NCSC कमिशन के चेयरमैन विजय सांपला ने कहा कि सरकार को पूरी रिपोर्ट पेश करने के लिए कह दिया गया है। जिसमें 12 जून तक कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है। एनसीएससी ने पंजाब को आदेश दिया कि पीड़िता का बयान वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए या दिल्ली में रिकॉर्ड किया जाए और तत्काल सुरक्षा मुहैया कराई जाए। पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारुचक पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में चेयरमैन विजय सांपला के आदेश पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने तीसरा नोटिस जारी किया है। चूंकि राज्य सरकार दो अग्रिम नोटिस के बावजूद कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने में विफल रही है।


तीसरे नोटिस में एनसीएससी ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और डीआइजी को नोटिस जारी किया है। बॉर्डर रेंज अमृतसर को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से या दिल्ली में व्यक्तिगत रूप से पीड़ित का बयान तुरंत दर्ज करने और उसे सुरक्षा प्रदान करने और 12 जून तक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। पंजाब के कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाले केशव कुमार की शिकायत पर सख्त नोटिस लेते हुए आयोग ने 5 मई को पंजाब सरकार के अधिकारियों को पीड़िता के खिलाफ तत्काल कार्रवाई के लिए एक रिपोर्ट पेश करने के लिए पहला नोटिस जारी किया था। जिसे मंत्री द्वारा उसे धमकी भरे फोन आ रहे थे और सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही जा रही थी। नोटिस के बाद राज्य सरकार ने 8 मई को मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया, लेकिन एसआईटी ने आयोग के समक्ष कोई कार्रवाई रिपोर्ट पेश नहीं की गई। इसके बाद एनसीएससी ने 25 मई को राज्य सरकार को दूसरा नोटिस जारी किया।

पीड़िता की जान को खतरा बताते हुए एनसीएससी ने अधिकारियों और पुलिस को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए या दिल्ली में व्यक्तिगत रूप से पीड़िता का बयान दर्ज करने, उसे पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने और एक जून तक रिपोर्ट देने को कहा था। पीड़ित को न्याय और सुरक्षा प्रदान करने में पंजाब सरकार की देरी पर एनसीएससी के अध्यक्ष विजय सांपला ने कहा, “बार-बार नोटिस भेजने के बावजूद, राज्य सरकार द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। यह राज्य के अनुसूचित जाति के निवासियों को न्याय दिलाने के प्रति राज्य सरकार के ढीली और बेरूखी वाली पहुंच को दर्शाता है। अब पुन: राज्य सरकार को 12 जून तक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही सरकार को निर्देश दिया गया है कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से या दिल्ली में व्यक्तिगत रूप से पीड़िता का बयान तुरंत दर्ज किया जाए।