पंजाबः सरकार ने बढ़ाए रेत और बजरी के रेट, जानें नई कीमतें

पंजाबः सरकार ने बढ़ाए रेत और बजरी के रेट, जानें नई कीमतें
पंजाबः सरकार ने बढ़ाए रेत और बजरी के रेट

चंडीगढ़ः आम आदमी पार्टी ने सस्ती रेत और बजरी उपलब्ध कराने का वादा किया था लेकिन अब इसकी कीमत पिछली कांग्रेस सरकार की तुलना में बढ़ा दी गई है। पंजाब सरकार ने रेत की कीमत 5.50 रुपये प्रति क्यूबिक फुट से 9 रुपये प्रति क्यूबिक फुट तय की है, जबकि रेत खदान से घर तक पहुंचाने वाले ट्रांसपोर्ट की लागत अलग होगी। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने रेत की कीमत बढ़ाकर 5.50 रुपये करने की घोषणा की थी। दरअसल, पंजाब सरकार ने खनन नीति-2021 में संशोधन को मंजूरी दे दी है और राज्य में रेत की कीमत 9 रुपये प्रति क्यूबिक फुट और बजरी की कीमत 20 रुपये प्रति क्यूबिक फुट तय की है।

पंजाब सरकार ने बजरी की कीमत 17.50 रुपये प्रति क्यूबिक फुट से 20 रुपये प्रति क्यूबिक फुट तय की है। सरकार ने नई क्रशर नीति को भी मंजूरी दे दी है। इस बारे में पंजाब के खनन, शिक्षा और जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस का कहना है कि पंजाब सरकार ने राज्य के लोगों को सस्ती रेता और बजरी मुहैया कराने और राज्य से रेत माफिया को खत्म करने का वादा किया था। इसी वादे को पूरा करते हुए पंजाब सरकार ने खनन नीति-2021 में संशोधन किया है। इसके साथ ही रेत की कीमत 5.50 रुपये प्रति घन फुट से बढ़ाकर 9 रुपये प्रति घन फुट कर दी गई है, जबकि बालू खदान से घर तक पहुंचाने में ट्रांसपोर्ट की लागत अलग होगी।

उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने घोषणा की थी कि रेत की कीमत 5.50 रुपये होगी लेकिन वास्तव में रेत 40 से 45 रुपये प्रति फुट मिल रही थी। उन्होंने कहा कि चरणजीत चन्नी ने भी सरकार को रेत से मिलने वाली रॉयल्टी 2.40 रुपये प्रति क्यूबिक फुट से घटाकर 70 पैसे कर दी है। वह भी अब बढ़ाकर 2.40 पैसे कर दिया गया है। कमर्शियल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली साधारण मिट्टी की रॉयल्टी दर 10 रुपये प्रति टन तय की गई है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने बजरी की कीमत 17.50 रुपये प्रति क्यूबिक फुट से 20 रुपये प्रति क्यूबिक फुट तय की है। बैंस ने कहा कि नई नीति के तहत अवैध खनन को रोकने के लिए क्रशर को पांच हेक्टेयर या पांच हेक्टेयर के गुणकों में खनन स्थल अलॉट किए जाएंगे। यह अनुबंध तीन साल के लिए होगा, जिसे चार साल तक बढ़ाया जा सकता है, लेकिन साइट पर सामग्री की उपलब्धता मुहैय्या करवाई जाए।

क्रशर से निकलने वाली सामग्री पर एक रुपये प्रति क्यूबिक फुट का पर्यावरण शुल्क लगाया जाएगा, जिससे राज्य के खजाने में 225 करोड़ रुपये का राजस्व बढ़ेगा। अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए खनन स्थल के साथ-साथ क्रशर पर भी सीसीटीवी कैमरों के अलावा वेटब्रिज लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। क्रशर से माल की बिक्री की पूरी प्रक्रिया की निगरानी एक ऑनलाइन पोर्टल के जरिए की जाएगी। रजिस्ट्रेशन फीस 10 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दी गई है। क्रशर इकाइयों की सुरक्षा भी तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये की जाएगी। क्रशर मालिकों को मासिक रिटर्न दाखिल करना होगा।