विजिलेंस तत्कालीन मंत्री साधू सिंह धर्मसोत के खिलाफ जांच कर रही है। हालांकि, धर्मसोत भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के मामले में पहले से ही फंसे हुए हैं। बता दें कि सामाजिक न्याय सशक्तिकरण व अल्पसंख्यक विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी कृपा शंकर सरोज ने घोटाले की एक रिपोर्ट तैयार की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि विभाग के पास स्कॉलरशिप के लिए बांटी गई 39 करोड़ रुपये की राशि का कोई रिकॉर्ड ही नहीं था। यह राशि ऐसे संस्थानों को दे दी गई जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि जिन निजी संस्थानों से विभाग ने आठ करोड़ रुपये वसूलने थे, उनका री-ऑडिट करवाकर उन्हें 16.91 करोड़ रुपये और जारी कर दिए गए, लेकिन नए ऑडिट के आदेश किसने और कब दिए इसकी कोई जानकारी नहीं है। इस कारण विभाग को 24.91 करोड़ रुपये की चपत लगी। पंजाब सरकार ने घोटाले के तीन साल बाद अब दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करनी शुरू की है।