चंडीगढ़ : पंजाब में सीएम भगवंत मान के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति के अंतर्गत पंजाब विजीलेंस ब्यूरो ने सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार को ख़त्म करने के मंतव्य से आज केंद्रीय सहकारी बैंक रूपनगर में 1,24,46,547 रुपए की वित्तीय धोखाधड़ी करने के दोष में सहायक मैनेजर बिक्रमजीत सिंह और सीनियर मैनेजर अशोक सिंह मान को गिरफ़्तार किया है। इस मामले की जानकारी देते हुए स्टेट विजीलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि ब्यूरो को शिकायत मिली थी जिसकी पड़ताल के दौरान पता लगा है कि दोषी बिक्रमजीत सिंह ने साल 2011 से 2016 तक बैंक में अपनी तैनाती के दौरान बैंक मैनेजरों और बैंक के अन्य कर्मचारियों के अकाउंट आईडीज, पासवर्ड और अन्य विवरनों का दुरुपयोग करके बड़ी रकम का घपला किया था।
2 साल पहले भी अंदरूनी जांच में दोषी पाए गए थे बिक्रमजीत सिंह
उन्होंने बताया कि दोषी मैनेजर को अलग-अलग बैंकों से इनवारड चैकों की क्लीयरेंस/ ड्राफ्ट रकम ट्रांसफर करने और स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के चालू खातों के मिलान के लिए तैनात किया गया था। उन्होंने दोष लगाया कि मुलजिम ने अपने सरकारी पद का दुरुपयोग करके धोखाधड़ी वाले पैसे अपने पारिवारिक सदस्यों और रिशतेदारों के खातों में ट्रांसफर किये थे और ऐसे खातों में पैसे भेज कर दोषी की तरफ से कुल 1,24,46,547 रुपए का घपला किया गया। उन्होंने आगे बताया कि 2 साल पहले सहकारी बैंक की तरफ से गई अंदरूनी जांच में भी बिक्रमजीत सिंह को दोषी ठहराया गया था। जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि बिक्रमजीत सिंह ने साल 2011 से 2016 तक सीनियर मैनेजर अशोक सिंह मान के इलावा अन्य कर्मचारियों की आईडी के पासवर्ड का प्रयोग किया।
विजीलेंस ब्यूरो के थाना लुधियाना में किया केस दर्ज
जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि दोषी ने ज्यादातर अशोक सिंह मान की आईडी और पासवर्ड का प्रयोग किया। परन्तु अशोक सिंह मान ने कभी भी बैंक और उच्च अधिकारियों को इस सम्बन्धी कोई शिकायत नहीं की। इसलिए वित्तीय धोखाधड़ी में मिलीभगत के दोष के अंतर्गत उस पर भी मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्धी दोनों दोषियों के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 13 (1)और 13 (2) और आईपीसी की धारा 420, 409, 120- बी के अंतर्गत विजीलेंस ब्यूरो के थाना लुधियाना में केस दर्ज करके आगे कार्यवाही शुरू कर दी गई है।