पंजाबः पुलिस को गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई का इतने दिनों का मिला रिमांड 

पंजाबः पुलिस को गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई का इतने दिनों का मिला रिमांड 
पंजाबः पुलिस को गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई का इतने दिनों का मिला रिमांड 

मोगाः फरीदकोट और मोगा पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई के रिमांड की मांग की थी, जिसके बाद कोर्ट ने मोगा पुलिस को लॉरेंस बिश्नोई का ट्रांजिट रिमांड दिया गया। दरअसल, शहर में एक दिसंबर को डिप्टी मेयर अशोक धमीजा के भाई सुनील धमीजा पर जानलेवा हमला कराने के आरोपित कुख्यात गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई को मोगा पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर आज लेकर पहुंची। पुलिस ने मेडिकल परीक्षण कराने के बाद गैंगस्टर को मुख्य न्यायिक अधिकारी प्रीत सुखीजा की अदालत में पेश किया जहां से उसे 10 दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया।

कोर्ट में बोला मुझे लारेंस- किसी वकील की नहीं जरूरत 

अदालत में न्यायाधीश ने गैंगस्टर से पूछा कि क्या उसका कोई वकील है, या फिर सरकार वकील पैरवी के लिए चाहते हैं, लेकिन लारेंस बिश्नोई ने न्यायाधीश को कहा कि उसे किसी वकील की जरूरत नहीं है। रिमांड मिलने के बाद पुलिस उसे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में अपने साथ अज्ञात स्थान पर लेकर रवाना हो गई। सुरक्षा को देखते हुए लारेंस बिश्नोई को मेडिकल के लिए मथुरादास सिविल अस्पताल ले जाने के बजाय ज्यूडिशियल कांप्लेक्स में ही सभी प्रकार की मेडिकल सुविधाओं से लैस एम्बुलेंस में मेडिकल परीक्षण किया गया। उसके तत्काल बाद उसे सीजेएम की अदालत में ले जाया गया।

बता दें कि बेदीनगर निवासी सुनील कुमार उर्फ सोनू धमीजा अपने बेटे प्रथम धमीजा के साथ नानक नगरी स्थित फाइनांस कंपनी से बाइक पर घर आ रहे थे। शिव डेयरी के पास बाइक सवार दो युवकों ने उन पर गोली चला दी। गोली प्रथम की टांग पर लगी। सुनील कुमार ने इसके बाद बाइक सवारों को पकड़ने की कोशिश की तो हमलावरों ने उसके सिर पर पिस्तौल की बट मारकर घायल कर दिया था। बाद में हमलावर के दूसरे साथी ने सुनील कुमार पर पिस्तौल से एक के बाद एक तीन फायर किए, लेकिन तीनों फायर मिस हो गए, इतनी देर में मौके पर एकत्रित लोगों ने हमलावरों में से एक लारेंस बिश्नोई गैंग के ही गैंगस्टर मोनू डांगर को दबोच लिया था, जबकि दूसरा साथी मौके से फरार हो गया था।

जतिंदर नीला की हत्या की गोल्डी ने दी थी सुपारी 

हरियाणा के सोनीपत निवासी गैंगस्टर मोनू डांगर पुत्र रामकुमार ने पुलिस के सामने खुलासा किया था कि उसके पास लारेंस बिश्नोई गैंग के कनाडा में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ का फोन आया था। गोल्डी ने जतिंदर नीला की हत्या करने की सुपारी दी थी, मोबाइल पर उसका फोटो भेजा था। हत्याकांड को अंजाम देने के लिए बुगीपुरा चौक अमृतसर निवासी जोधाजीत सिंह ने उसे 9 एमएम की लोडेड पिस्तौल दी। जोधाजीत ने ही एक दिन पहले रेकी की थी। पकड़े गए मोनू डांगर ने पुलिस को बताया था कि गैंगस्टर लोरेंस बिश्नोई ने जतिंदर धमीजा उर्फ नीला की हत्या के लिए उसे भेजा था, जतिंदर नीला हमले में घायल सुनील का छोटा भाई है, चेहरे से दोनों एक जैसे लगते हैं, इसी धोखे में जतिंदर नीला पर हमले की बजाय दोनों हमलावरों ने सुनील पर जानलेवा हमला किया था, संयोग से उस दिन जतिंदर नीला उन्हें नहीं मिला था, हमला सुनील पर हो गया था।

लारेंस बिश्नोई, मोनू डांगर, जोधाजीत सिंह और गोल्डी बराड़ के किया केस में नामजद

वहीं मोनू डांगर के साथ नीला की हत्या करने गया था, लेकिन मामला उलटा पड़ने पर मोनू डांगर को मौके पर पकड़ा गया, लेकिन जोधाजीत सिंह मौके से फरार हो गया था। गोल्डी बराड़ की धमीजा परिवार के जतिंदर नीला से दुश्मनी थी। थाना सिटी पुलिस ने इस केस में मोनू डांगर, जोधाजीत सिंह के अलावा गोल्डी बराड़ व लारेंस बिश्नोई को केस में नामजद किया था।