नई दिल्लीः तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को कैश फॉर क्वेरी मामले में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया है। बता दें कि इस मामले में एथिक्स कमेटी ने आज ही सदन में रिपोर्ट पेश की थी। इस फैसले के विरोध में विपक्षी सदस्यों ने विपक्षी सदस्यों ने वॉक आउट किया। वॉक आउट में मोइत्रा के साथ कांग्रेस संसदीय पार्टी की चेयरपर्सन सोनिया गांधी और अन्य विपक्षी नेता शामिल रहे। इसे लेकर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि सदन समिति के निष्कर्षों को स्वीकार करता है कि एक सांसद के तौर पर महुआ मोइत्रा का आचरण अनैतिक और अनुचित था। इसलिए यह उचित नहीं है कि वह सांसद बनी रहें।
लोकसभा के इस फैसले को लेकर महुआ मोइत्रा की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है। उन्होंने कहा कि अगर मोदी सरकार सोचती है कि मुझे चुप करके वह अडानी मुद्दे से बच सकते हैं तो वह गलत हैं। उन्होंने कहा कि इस कंगारू कोर्ट ने केवल पूरे देश को यह दिखाया है कि अडानी आपके लिए कितने अहम हैं और एक महिला सांसद को प्रताड़ित करने के लिए वह किस हद तक जा सकते हैं। मोइत्रा ने कहा कि एथिक्स पैनल की रिपोर्ट में हर नियम को तोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि मेरी उम्र 49 साल है और मैं अगले 30 साल तक संसद के अंदर और बाहर आपसे लड़ती रहूंगी।
मोइत्रा ने दावा किया कि एथिकल पैनल अपनी रिपोर्ट में जो भी पाया वह दो लोगों की गवाही पर आधारित है जो एक-दूसरे से अलग हैं। कमेटी मुझे उस बात के लिए सजा दे रही है जो लोकसभा में नियमित और स्वीकार्य है और जिसके लिए प्रोत्साहित किया जाता है। बता दें कि एथिक्स कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में मोइत्रा की सदस्यता रद्द करने और भारत सरकार द्वारा जांच कराने की सिफारिश की थी। रिपोर्ट पेश होने के बाद केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस पर चर्चा के लिए प्रस्ताव पेश किया था।