जालंधरः दिन-दिहाड़े मोबाइल छीनकर फरार हुए लुटेरे, पीड़ित का रो-रो हुआ बुरा हाल

जालंधरः दिन-दिहाड़े मोबाइल छीनकर फरार हुए लुटेरे, पीड़ित का रो-रो हुआ बुरा हाल
जालंधरः दिन-दिहाड़े मोबाइल छीनकर फरार हुए लुटेरे

जालंधर/हर्षः महानगर में चोरी और लूटपाट की घटनाएं सामने आना आम बात हो चुकी है और दिन-दिहाड़े चोर बेखौफ होकर लूटपाट की घटना को अंजाम देकर फरार हो रहे है। वहीं ताजा मामला लाडोवाली रोड पर स्थित सहगल कालोनी से सामने आया है। जानकारी के मुताबिक मंगलवार दोपहर सहगल कालोनी में खाना खाने जा रही सिमरन नामक युवती से 2 स्नेचर मोबाइल छीनकर फरार हो गए।

मामले की जानकारी देते हुए पीड़ित सिमरन ने बताया कि वह लाडोवाली रोड़ पर जेके क्लीनिक पर रिसेप्शनिस्ट का नौकरी करती है। इस दौरान जब आज सिमरन खाना खाने के लिए क्लीनिक से निकली तो रास्ते में 2 एक्टिवा सवार लुटेरे मोबाइल छीनकर फरार हो गए। वारदात वहां पास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। जिसकी शिकायत सिमरन ने पुलिस को दे दी है। वहीं वारदात की शिकायत मिलने पर पुलिस सीसीटीवी फुटेज चैक कर मामले की जांच करने में जुट गई है। 

नशे की हालात, बिना नंबर की एक्टिवा पर सवार थे लुटेरे

सिमरन ने बताया कि जब लुटेरों ने उसका मोबाइल छीना तो वह उस समय नशे की हालत में धुत थे। उनसे खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। मोबाइल छीनने के दौरान सिमरन की युवकों के साथ हाथापाई भी हुई। लेकिन लड़के होने के कारण बल का प्रयोग कर लुटेरे मोबाइल छीनने में कामयाब हुए और एक्टिवा तेज रफ्तार कर वहां से फरार हो गए। सिमरन ने बताया कि एक्टिवा सवार लुटेरों की एक्टिवा पर नंबर प्लेट भी नहीं लगी थी। 

एक माह में मोहल्ले में हुई 3 वारदातें

सहगल कालोनी निवासी सुखदीप कौर ने बताया कि पिछले एक माह में लुटेरों के द्वारा तीसरी वारदात को अंजाम दिया गया। आज हुई वारदात के बाद मोहल्ले वालों ने मीडिया प्रभारी हर्ष को बताया कि अगर घर के बाहर लुटेरे बेखौफ ऐसी वारदातों को अंजाम देंगे तो मोहल्ले के लोग कहां सुरक्षित है। वहीं लोगों ने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि वैसे तो पुलिस नाका लगाकर चालान काटने में लगी रहती है क्या बिना नबंर की एक्टिवा सवार लुटेरों पर वह क्यों नहीं कोई कार्रवाई कर रही। उन्होंने कहा कि क्या पुलिस वालों का काम सिर्फ चालान काटने तक ही सीमित रह गया है। 

मोबाइल खोने से ज्यादा पिता की तस्वीरें खो जाने का है गमः सिमरन

सिमरन ने बताया कि मुझे मोबाइल खोने का इतना गम नहीं है, जितना उस मोबाइल में पिता की तस्वीरें होने का गम है। दरअसल, सिमरन के पिता का 7 साल पहले देहांत हो गया था। सिमरन ने मोबाइल में ही पिता की तस्वीरों को संभालकर रखा हुआ था। आज मोबाइल छीन जानने के बाद उसे पिता की तस्वीरें मोबाइल में साथ चले जाने का सबसे ज्यादा गम है।