बेसहारा व गरीब कन्याओं के विवाह में आर्थिक मदद देती सरकार की सीएम कन्यादान व शगुन योजनाएं

बेसहारा व गरीब कन्याओं के विवाह में आर्थिक मदद देती सरकार की सीएम कन्यादान व शगुन योजनाएं

ऊना/सुशील पंडित: कन्याओं के विवाह के समय आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों को कई आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। सरकार द्वारा इस समस्या को हल करने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाओं का संचालन किया गया है जिनके माध्यम से समाजिक से लेकर आर्थिक सहायता कन्याओं के विवाह के समय प्रदान की जाती है। वर्तमान हिमाचल सरकार ने ऐसी दो योजनाएं संचालित की हैं, जिनके नाम हैं मुख्यमंत्री कन्यादान योजना तथा मुख्यमंत्री शगुन योजना। इन योजनाओं का उद्देश्य गरीब कन्याओं को विवाह के लिए आर्थिक सहायता मुहैय्या करवाना है।

इन योजनाओं की विस्तृत जानकारी देते हुए अतिरिक्त उपायुक्त ऊना डॉ. अमित कुमार शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत बेसहारा लड़कियां जिनके पिता की मृत्यु हो चुकी हो, नारी सेवा सदन की पूर्व प्रवासिनियां या उपेक्षित हों, परित्यक्त, तलाकशुदा महिलाओं की पुत्रियां अथवा जिनके पिता शारीरिक या मानसिक विकलांगता के कारण अपनी आजीविका कमाने में असमर्थ हों तथा कन्याओं के संरक्षकों की वार्षिक आय 50 हजार रूपये से अधिक न हो, सभी इस योजना का लाभ लेने के पात्र होंगे। इस योजना के तहत कन्या के विवाह के लिए एक निर्धारित प्रपत्र पर सम्बन्धित तहसीलदार से सत्यापित आय प्रमाण पत्र सहित आवेदन करने के उपरांत सरकार द्वारा 51 हजार रूपये की राशि प्रदान की जाती है।

जबकि मुख्यमंत्री शगुन योजना के तहत हिमाचल प्रदेश की स्थाई निवासी बीपीएल परिवारों की कन्याओं को विवाह अनुदान के रूप में 31 हजार रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना यदि लड़की का विवाह हिमाचल से बाहरी राज्य में होता है, तब भी योजना का लाभ पाने की पात्र होगी। परिवार को सम्बन्धित तहसीलदार से सत्यापित बीपीएल प्रमाण-पत्र सहित आवेदन करना होगा। प्रत्येक परिवार की केवल दो कन्याएं ही इस योजना का लाभ प्राप्त करने की पात्र है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए कन्या की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।

एडीसी ऊना डॉ. अमित कुमार ने लोगों से आहवान किया है कि इन योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए ज़िला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक अथवा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से भी सम्पर्क करें। आवेदन विवाह की तिथि से 2 माह पूर्व से लेकर विवाह की तिथि के बाद 6 माह के भीतर प्रस्तुत करना होगा।