किसानों का 3 लाख तक का कर्ज होगा माफ

किसानों का 3 लाख तक का कर्ज होगा माफ

गुजरात: गुजरात में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी की कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को अहमदाबाद पहुंचे. सूबे में 27 साल सत्ता का वनवास तोड़ने के लिए राहुल गांधी ने कई बडे़ ऐलान किए. राहुल गांधी ने वादा किया कि अगर उनकी पार्टी गुजरात में सरकार बनाती है, तो वे किसानों का 3 लाख रुपए तक का कर्ज माफ कर देंगे। इतना ही नहीं राहुल गांधी ने किसानों को फ्री बिजली, घरेलू कनेक्शन पर 300 यूनिट फ्री बिजली जैसे वादे भी किए। राहुल गांधी ने किए अहम वादे राहुल गांधी ने गुजरात के लोगों से वादा किया कि कांग्रेस सत्ता में आती है तो किसान का तीन लाख रुपये तक के कर्ज माफ होगा।

दूसरा वादा राहुल ने किया कि कोरोना में तीन लाख लोगों की मृत्यु हुई है. अस्पताल के सामने लाइन से लोगों को देखा होगा. क्या सरकार ने कोई मुआवजा किया है. कोरोना से मरने वाले व्यक्ति के परिवार को कांग्रेस चार लाख रुपये मुआवजा देगी. राहुल गांधी ने तीसरा वादा किसानों की बिजली बिल माफ करने का किया है. राहुल ने कहा कि गुजरात के सभी किसानों की बिजली बकाया माफ किया जाएगा और हर महीने 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी. इसके अलावा राहुल ने वादा किया कि गुजरात में तीन लाख स्कूल बनाए जाएंगे और लड़कियों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी. साथ ही वादा किया है कि राज्य में एलपेजी गैस का एक सिलेंडर जो 1000 रुपये हे उसे 500 रुपये में देने का वादा किया। राहुल गांधी ने बेरोज़गारी और महंगाई से निजात दिलाने का भी वादा किया। उन्होंने कहा कि छोटे व्यापारियों की मदद की जाएगी, जिसे छोटे और मंझोले कारोबारी मज़बूत हो सकेंगे. गुजरात के युवाओं को रोजगार देने का वादा किया और 10 लाख युवाओं को रोज़गार देंने की बात कही. राहुल ने कहा कि पिछले 25 सालों से आप लोग क्या सहन कर रहे हैं, उसे मैं समझता हूं।

आप लोंगो की लड़ाई सियासी पार्टी से नहीं है, ये लड़ाई बीजेपी कांग्रेस के खिलाफ नहीं है. समझना होगा कि आप किसके खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. राहुल ने कहा कि सरदार पटेल की बीजेपी ने मुर्ति बनायी, सब से बड़ी मुर्ति बनायी बीजेपी नरेंद्र मोदी और आरएसएस के लोगों ने बनाई है। सरदार पटेल अपनी ज़िंदगी के दौरान किस से लड़े और किस लिए लड़ रहे. वो सिर्फ़ एक इन्सान नहीं थे वो किसान और हिन्दुस्तान के लोगों की आवाज़ थे. जो भी उनके मुंह से निकलता हे वो हिन्दुस्तान के हित के लिए था, उनके भाषण को सुनोगे तो उन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी में किसानों के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला और न ही किसानों के खिलाफ कोई काम किया राहुल गांधी ने कहा कि सरदार पटेल ने लोकतांत्रिक संस्था को खड़ा किया।

सरदार पटेल के बिना अमूल को खड़ा नहीं हो सकता है. बीजेपी सब से बड़ी मुर्ति खड़ा करती हे, लेकिन जिस विचार के लिए सरदार लड़े उस किसान के खिलाफ काम करती हैं. एक और सरदार पटेल की मुर्ति और दूसरी तरफ उन लोगों के लिए सरदार पटेल पूरी ज़िंदगी लड़े उनके ख़िलाफ़ ये सरकार हे, गुजरात में उद्धोग पति का क़र्ज़ माफ़ होता हे लेकिन किसान का क़र्ज़ कभी माफ़ नहीं करते। सरदार पटेल होते तो वो किसानों के खिलाफ कभी ऐसे क़ानूनी नहीं लाते।

राहुल ने कहा कि मध्यप्रदेश, राजस्थान, सरकार ने किसानों का क़र्ज़ माफ़ किया सरदार पटेल आज होते तो वो जो कहते वही हमने वहां कर दिया. यहां पर भी तिन लाख तक का किसानों का क़र्ज़ माफ़ करता. गुजरात में जिन संस्था को सरदार पटेल ने बनाया जिस संस्था की नींव रखी लेकिन उनके लोगों को परेशान किया जा रहा है. मुद्रा पोर्ट ड्रग्स का सेन्टर बन गया है, क्यों सरकार इनके ख़िलाफ़ कार्यवाही नहीं करती हैं और क्या कारण है कि हर दो महीने पर मुद्रा पोर्ट से ड्रग्स मिलता है. इसके बाद भी कोई कार्यवाई नहीं होती. कांग्रेस ने गुजरात में बीजेपी के सियासी आधार को तोड़ने के लिए केजरीवाल की तरफ फ्री का दांव खेला है. ऐसा लगता है कि कांग्रेस कर्जमाफी का ऐलान कर किसानों का दिल जीतना चाहती है।

राहुल गांधी ने चुनाव से पहले किसानों को साधने के लिए कर्जमाफी से लेकर मुफ्त बिजली देने जैसे कई अहम वादे किए हैं. कांग्रेस द्वारा किए गए वादों के मुताबिक कर्ज माफी के साथ साथ 10 घंटे तक मुफ्त बिजली, प्राकृतिक आपदाओं के लिए मुआवजा योजना, पहली कैबिनेट बैठक में मौजूदा भूमि सर्वेक्षण रद्द करने, समर्थन मूल्य पर सभी कृषि उपज की खरीद, दूध उत्पादकों को 5 रुपये प्रति लीटर सब्सिडी, केंद्र पर दबाव सहित आश्वासन कृषि जिंसों पर जीएसटी रद्द करने के लिए काम किया जाएगा. बता दें कि गुजरात की 182 विधानसभा सीटों में से 98 सीट ऐसी हैं, जो ग्रामीण इलाकों में आती है. ये सभी सीटें राज्य में निर्णायक भूमिका निभाती हैं. अगर इन 98 सीटों में से 80-85 फीसदी सीटों पर भी कब्जा कर लिया जाए, तो राज्य में सरकार बनाई जा सकती है. कांग्रेस ने किसानों के कर्जमाफी सहित तमाम वादें करके ग्रामीण वोटों को साधने का दांव चला है।