मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने चीनी कंट्रोल वाली 9 कंपनियों के करोडो़ं रुपए किए फ्रीज

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने चीनी कंट्रोल वाली 9 कंपनियों के करोडो़ं रुपए किए फ्रीज
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने चीनी कंट्रोल वाली 9 कंपनियों के करोडो़ं रुपए किए फ्रीज

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने चीन समर्थित कई कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। कई लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम देते हुए ईडी ने 9 कंपनियों के बैंक अकाउंट से संबंधित 9 करोड़ 82 लाख रुपये को फ्रिज कर दिया। इसका मतलब है कि अब उन पैसों का प्रयोग चीन समर्थित ये कंपनियां नहीं कर सकतीं। दरअसल, चीन समर्थित कंपनियों द्वारा भारत के अंदर अपनी आर्थिक व्यवस्था से संबंधित कंपनियों का जाल फैलाकर एक बड़े साजिश के लिए नेटवर्क तैयार करने की कोशिश की जा रही थी, मगर जांच एजेंसी ईडी ने इस मामले में बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि कैसे बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी में निवेश यानी इन्वेस्टमेंट करने के एवज में बड़ा मुनाफा कमाने का लालच दिया जा रहा था। इस मामले की शुरुआती जांच में यह भी जानकरी सामने आई है कि चीन समर्थित कई कंपनियों द्वारा भारत की आर्थिक व्यवस्था पर गंदी निगाहें हैं, मगर उन तमाम मामलों पर जांच एजेंसी काफी सतर्कता से आगे की तफ्तीश कर रही है। जिन कंपनियों के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा कार्रवाई की गई है और जिसका नाम तफ्तीश के दौरान सामने आया है, वे इस प्रकार हैं।

कॉमिन नेटवर्क टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, मोबिक्रेड टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, मैजिक डेटा टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, बैतू टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, अलीये नेटवर्क टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, वीकैश टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, लार्टिंग प्राइवेट लिमिटेड, मैजिक बर्ड टेक्नोलॉजी जैसी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है। प्राइवेट लिमिटेड और ऐसपर्ल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड। ईडी ने एचपीजेड टोकन और अन्य के खिलाफ साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, कोहिमा, नागालैंड द्वारा भारतीय दंड संहिता, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत 8 अक्टूबर, 2021 की पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की।

जांच एजेंसी ईडी ने पिछले साल 8 अक्टूबर 2021 को इस मामले को टेकओवर किया था और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू की थी। दरअसल यह मामला नागालैंड की राजधानी कोहिमा स्थित साइबर क्राइम ब्रांच में दर्ज किया गया था। दर्ज एफआईआर में HPZ टोकन नाम की मोबाइल ऐप और उससे जुड़े कई कंपनियों की जानकारी सामने आई थी। इसके द्वारा बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के बदले मोटा मुनाफा देने का लालच दिया जा रहा था। चीन समर्थित उन कंपनियों का शुरुआती जाल नागालैंड जैसे राज्यों से शुरू किया जाना भी सवालों और जांच के राडार पर है, क्योंकि नागालैंड या उसके आसपास के राज्य चीन के सीमावर्ती इलाके से जुड़े हुए हैं। लिहाजा इस मामले में होने वाली आगे की तफ़्तीश में जल्द ही कई अन्य खुलासा किया जा सकता है।

हालांकि, जांच एजेंसी ईडी द्वारा पहले भी चीन समर्थित इन कंपनियों से जुड़े मामले में कार्रवाई के दौरान कई बैंक अकाउंट के करीब 56 करोड़ 49 लाख रुपये की रकम को फ्रिज किया जा चुका है। ईडी की टीम द्वारा 14 सितंबर 2022 को सर्च ऑपरेशन को भी अंजाम दिया गया था और उस दौरान कार्रवाई करते हुए करीब 46 करोड़ 67 लाख रुपये को फ्रिज किया गया था। इस मामले में फिलहाल आगे की तफ़्तीश जारी है।