सर्पदंश को लेकर जिला प्रशासन ने जारी की एडवाईजरी

सर्पदंश को लेकर जिला प्रशासन ने जारी की एडवाईजरी

ऊना/सुशील पंडित: जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने एडवाइज़ारी करते हुए कहा कि बरसात के मौसम में सांप के काटने के मामले बढ़ने की आशंका रहती है, जिससे कई लोगों की जान भी जा सकती है। उन्होंने कहा कि मानसून के मौसम में सर्पदंश जैसी घटना के प्रति सतर्क रहें। सर्पदंश खतरनाक एवं जानलेवा साबित हो सकता है।

उन्होंने कहा कि जब कोई साँप किसी को काट लेता है तो इसे सर्पदंश या साँप का काटना कहते हैं। साँप के काटने से घाव हो सकता है, और कभी-कभी विषाक्तता भी हो जाती है जिससे मृत्यु तक संभव है। सर्पदंश से कुछ ही मिनटों में मृत्यु तक हो सकती है। अधिकांश साँप विषहीन होते हैं लेकिन कुछ एक साँप विषैले भी होते हैं।

साँप के काटने के लक्षण
राघव शर्मा ने बताया कि आम तौर पर साँप के काटने का तुरंत पता चल जाता है। इसके काटने पर दंश स्थान पर तीव्र जलन, उल्टी, मिचली, शॉक, अकड़न या कंपकपी, अंगघात, पलकों का गिरना, नजर फटना अर्थात किसी वस्तु का एक स्थान पर दो दिखलाई देना, मांसपेशियों में ऐंठन, काटे गये हिस्से में तेज दर्द, हाथ पैरों में झनझनाहट, चक्कर आना, पसीना आना तथा दम घुटना आदि लक्षण हो सकते हैं।

साँप के काटने से बचाव
साँप के काटने को रोका जा सकता है। साँप को पकड़ने से हमेशा बचना चाहिए। उन स्थानों से हमेशा दूर रहें जहाँ साँप होने की आशंका होती है जैसे कि लम्बी घास और पत्तियों के ढेर, चट्टानों और लकड़ी के गट्ठों में। यदि आपको साँप दिखता है तो उसे छेड़ें नहीं और उसे जाने दें। ऐसी जगह पर काम करते समय जहाँ साँप होने की आशंका हो, लम्बे और मजबूत जूते पहनें, बाजुओं और टांगों को ढक कर रखें और चमड़े के दस्ताने पहनें। गर्म मौसम में रात को बाहर काम करने से बचें, क्योंकि इस समय साँप सबसे ज्यादा सक्रिय होते हैं। इसके साथ ही कुएं या गड्डे में अनजाने में हाथ न डालें, बरसात में व अंधेरे में नंगे पांव न घूमें तथा जूतों को झाड़कर पहनें।

साँप के काटने का इलाज
साँप के काटने के उपचार में यह जरूरी है कि पीड़ित व्यक्ति को आपातकालीन चिकित्सा सहायता शीघ्र अति शीघ्र दी जाए। साँप के काटने पर संयम रखें ताकि हृदय गति तेज न हो। हृदय गति तेज होने पर जहर तुरंत ही रक्त के माध्यम से हृदय में पहुँच कर नुक्सान पहुँचा सकता है।  पीड़ित व्यक्ति को शांत और आरामपूर्वक रखें और जहर को फैलने से रोकने के लिए स्थिर रखें। तुरंत एम्बुलेंस को 108 या 102 पर कॉल करें और शीघ्र अति शीघ्र चिकित्सा सहायता के लिए नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान ले जायें। स्थिति को देखते हुए डॉक्टर द्वारा पीड़ित व्यक्ति को साँप के काटने से होने वाले लक्षणों का मुकाबला करने के लिए एंटी स्नेक वेनम का इंजेक्शन लगाया जाता है जितनी जल्दी यह इंजेक्शन पीड़ित व्यक्ति को लगता है यह उतना ही प्रभावी होता है। किसी भी प्रकार की झाड़ फूँक करवाकर समय बर्बाद न करें।