करोड़ों के स्ट्रीट लाईट ठेका घोटाले का हुआ पर्दाफाश, सीबीआई करे मामले की जांच: अरुण खोसला

नगर निगम फगवाड़ा की तरफ से स्ट्रीट लाईटों की मेनटेनेंस का ठेका इस बार चार लाख रुपए प्रति महीना के रेट पर दिए जाने का खुलासा करते हुए सीनियर भाजपा नेता और शहर के पूर्व मेयर अरुण खोसला ने आज यहां वार्तालाप में कहा कि कई वर्ष से एक ही ठेकेदार को 10 लाख रुपए प्रति महीना की दर पर दिया जा रहा ठेका इस बार सिर्फ चार लाख रुपए में चढऩे से उनके द्वारा पूर्व में लगाए आरोपों की सत्यता सिद्ध हो गई है। 

करोड़ों के स्ट्रीट लाईट ठेका घोटाले का हुआ पर्दाफाश, सीबीआई करे मामले की जांच: अरुण खोसला

कहा, दलजीत कौर की बतौर निगम आयुक्त तैनाती ने बदले हालात

फगवाड़ा (राजेश कुमार)। नगर निगम फगवाड़ा की तरफ से स्ट्रीट लाईटों की मेनटेनेंस का ठेका इस बार चार लाख रुपए प्रति महीना के रेट पर दिए जाने का खुलासा करते हुए सीनियर भाजपा नेता और शहर के पूर्व मेयर अरुण खोसला ने आज यहां वार्तालाप में कहा कि कई वर्ष से एक ही ठेकेदार को 10 लाख रुपए प्रति महीना की दर पर दिया जा रहा ठेका इस बार सिर्फ चार लाख रुपए में चढऩे से उनके द्वारा पूर्व में लगाए आरोपों की सत्यता सिद्ध हो गई है। 

ज्ञात रहे कि फगवाड़ा नगर निगम की तरफ से पिछले कई सालों से स्ट्रीट लाईटों की देखभाल और मुरम्मत का ठेका विवेक इंटरप्राईजिज नामक फर्म को दिया जा रहा था और पूर्व मेयर अरुण खोसला मीडिया में बार-बार निशाना साधते हुए कहते थे कि विवेक इंटरप्राईजिज को निगम के आधिकारियों की कथित मिलीभगत से बहुत महंगी दर पर स्ट्रीट लाईटों की मुरम्मत का ठेका दिया जा रहा है। वे इस घोटाले की सी.बी.आई. जांच की माँग भी अक्सर करते रहे परन्तु निगम के अधिकारी हमेशा खोसला के आरोपों को लेकर मौन धारण कर लेते थे। 

इस बार विवेक इंटरप्राईजिज की जगह किसी अन्य फर्म को सिर्फ  चार लाख रुपए में ठेका मिलने की बात शहर में भी चर्चा का विषय बन गई है क्योंकि यह ठेका पहले के मुकाबले 60 प्रतिशत कम दर पर चढ़ाया गया है। अरुण खोसला ने जहां मौजूदा निगम कमिशनर दलजीत कौर की कारगुजारी की प्रशंसा कर कहा कि उनके बतौर निगम आयुक्त पदभार संभालने के बाद से कार्पोरेशन के हालात में सुधार हो रहा है वहीं एक बार फिर विवेक इंटरप्राईजिज पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि ऊंची दर पर लगातार ठेका चढ़ाने की  सी.बी.आई. से जांच करवा कर विवेक इंटरप्राईजिज सहित इस घोटाले में शामिल सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाये।