सीबीआई और ईडी की 22 जगहों पर छापेमारी

सीबीआई और ईडी की 22 जगहों पर छापेमारी

रायपुर: सीबीआई और ईडी की टीमें बुधवार को देश में 22 ठिकानों पर छापे मार रही है। सीबीआई की टीमों ने बिहार में राजद के 5 नेताओं के घर छापा मारा। इनमें 2 राज्यसभा सांसदों के अलावा पूर्व विधायक और राजद के फाइनेंसर अबु दोजाना भी शामिल हैं। यह मामला जमीन के बदले रेलवे में रोजगार घोटाले से जुड़ा है। राजद ने बिहार में फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले पड़े इन छापों को बदले की कार्रवाई बताया है। बिहार विधानसभा में आज फ्लोर टेस्ट होना है। सुबह 11 बजे सदन का विशेष सत्र बुलाया गया है। आरजेडी और जेडीयू ने मिलकर यहां नई सरकार बनाई है और मुख्यमंत्री नीतिश कुमार को अपना बहुमत साबित करना है। ऐसे दिन बिहार और झारखंड में सीबीआई और ईडी ने एक साथ छापेमारी की है। सीबीआई ने जॉब के बदले जमीन मामले में पटना में आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह के यहां छापेमारी की है। इसके अलावा झारखंड के रांची में अवैध खनन और जबरन वसूली के मामले में प्रेम प्रकाश से जुड़े ठिकानों पर छापे पड़े हैं।

इन छापों के बाद आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह ने कहा, यह जानबूझकर किया जा रहा है। वे यह सोचकर जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करा रहे हैं कि डर के मारे विधायक उनके पक्ष में आ जाएंगे। ईडी ने झारखंड, तमिलनाडु, बिहार और दिल्ली में 17 ठिकानों पर छापेमारी की है। बताया जा रहा है कि ईडी ने ये कार्रवाई अवैध खनन और जबरन वसूली के मामले में छापेमारी हुई है। ये छापे प्रेम प्रकाश से जुड़े ठिकानों पर बताए जा रहे हैं।

प्रेम प्रकाश के राजनेताओं के साथ मजबूत संबंध बताए जाते हैं। झारखंड में सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा से पूछताछ के बाद ये छापेमारी की गई है। दरअसल, ये मामला भर्ती घोटाले से जुड़ा है। आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते जॉब लगवाने के बदले में जमीन और प्लॉट लिए गए थे। सीबीआई ने इसी मामले में जांच के बाद पिछले दिनों लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा यादव, हेमा यादव और कुछ ऐसे उम्मीदवारों पर केस दर्ज किया है।

जिन्हें प्लॉट या प्रॉपर्टी के बदले जॉब दी गई। इससे पहले सीबीआई ने मई में इस मामले में लालू यादव से जुड़ीं 17 जगहों पर छापेमारी की थी। इस मामेल में सीबीआई ने जुलाई में लालू यादव के पूर्व ओएसडी भोला यादव को गिरफ्तार किया था।भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी रहे। लालू यादव उस वक्त केंद्रीय रेल मंत्री थे। उसी समय रेलवे में भर्ती घोटाला हुआ था। आरोप है कि भोला यादव ही घोटाले का कथित सरगना है।