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बैंक मैनेजर ने धोखे से 13 खाताधारकों के खाते से निकाले थे 26.76 लाख रुपये, दो साल बाद मामला दर्ज

कपूरथला/चंद्रशेखर कालिया: गांव भाणोलंगा में स्थित पंजाब ग्रामीण बैंक शाखा के मैनेजर ने विभिन्न खाता धारकों के खाते से 26 लाख 76 हजार 276 रुपये निकलवाकर और फरार हो गया था। थाना सदर पुलिस ने शिकायत के आधार पर राजस्थान निवासी बैंक मैनेजर के खिलाफ केस दर्ज किया है।पंजाब ग्रामीण बैंक के मैनेजर करतार चंद निवासी वार्ड नंबर 13 शास्त्री नगर बदरोवा रोड पठानकोट, जिला गुरदासपुर ने एसएसपी कपूरथला को की गई शिकायत में बताया कि गांव भाणोलंगा स्थित पंजाब ग्रामीण बैंक में प्रमोद कुमार निवासी गांव कुंडल खाजूवाल बीकानेर राजस्थान बतौर बैंक मैनेजर कार्यरत था।

वर्ष 2020 में उसने बैंक के 13 खाता धारको के खातों से 26 ट्रांजेक्शन करवा कर 26 लाख 76 हजार 276 रुपये निकलवा ली। एसएसपी ने बैंक में लाखों रुपये की हेराफेरी की जांच का जिम्मा डीएसपी पीबीआइ स्पेशल क्राइम आर्थिक अपराध और साइबर क्राइम को सौंपा। इस मामले की जांच करने में अपराध शाखा को दो वर्ष लग गए। जांच के बाद आरोपित पर लगे आरोप सही पाए गए। थाना सदर कपूरथला की पुलिस ने इस मामले को डीए लीगल के पास भेजा था जिसकी सिफारिश के बाद आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। उधर, पैसे गंवाने वाले खाताधारकों को अभी तक उनके पैसे नही मिले हैं। अब आरोपित के खिलाफ केस दर्ज होने पर उन्हें पैसे मिलने की उम्मीद जगी है।

यह भाणोलंगा बैंक का कोई अकेला मामला नही है, इससे पहले भी कई बैंकों के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से कई खाताधारकों को करोड़ों रुपये का चूना लग चुका है। विरासती शहर के सबसे चर्चित बांबे मोर्टस का केस था, जिसमें लगभग चार बैंकों के साथ रीजनल मैनेजरों की मिलीभगत से सात करोड़ की हेराफेरी हो चुकी है। आरोपी सालों से विदेश में रह रहा है लेकिन पुलिस उसको अभी तक देश नहीं ला सकी थी।

इस केस में जाली दस्तावेज तैयार कर एकम एम्पेक्स कपूरथला के साथ सात करोड़ रुपये की ठगी मारने के मामले में चीफ ज्डयूशीयल मजिस्ट्रेट कपूरथला की ओर से एसबीआइ के एजीएम विपन नेगी एवं एजीएम अदिति वालिया तथा एसबीआइ चंडीगढ़ के ब्रांच मैनेजर धर्मेद्र तिवाड़ी, एसबीआइ चंडीगढ़ की गरिमा प्रहार एवं मोहाली के सीए राजीव सिंह जेल की हवा खा चुके है। जाली दस्तावेज तैयार कर एकम एम्पेक्स साथ सात करोड़ रुपये की ठगी मारने के मामले में क्राइम ब्रांच द्वारा की गई जांच की रिर्पोट थाना सिटी पुलिस की ओर से मार्च माह 2020 दौरान सीजीएम कोर्ट में पेश की गई जिसमें विभिन्न बैंकों के कई अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई थी।

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